जुम्मा की नमाज़ की नियत हिंदी में जानिए

आज के इस खूबसूरत पैग़ाम में आप एक बहुत ही अहम और आला इल्म यानी जुम्मा की नमाज़ की नियत से रूबरू होंगे यह तो आप भी बखूबी जानते हैं कि हम सभी आशिक ए रसूल के लिए सप्ताहिक ईद है।

हम सब को अच्छी नियत के साथ दुरूस्त तरीके से जुम्मा की नमाज़ अदा करके मुकम्मल करना चाहिए जिसे हम खूब खूब नेकियां अपने नामाए आमाल कर सकें इस लिए इस पैग़ाम को ध्यान से पढ़ें और समझें।

जुम्मा की नमाज़ की नियत

सबसे पहले आपको इस बात का इल्म देते चलूं या फिर शाय़द आप भी जानते ही होंगे कि जुम्मा की नमाज़ में सब मिलाकर 14 रकात नमाज़ अदा की जाती है हर नमाज के लिए अलग अलग नियत करनी होती है।

हमनें यहां पर जुम्मा के दिन पढ़ी जाने वाली सभी नमाजों की नियत एक एक करके अलग अलग बताया है आप पुरा पैगाम को ध्यान से पढ़ें जिसे आप आसानी से समझ जाएं और जुम्मा की नमाज़ की नियत आसानी से कर पाएं।

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जुम्मा की चार रकात सुन्नत नमाज़ की नियत

नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ जुम्मा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

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जुम्मा की दो रकात फर्ज नमाज़ की नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ जुम्मा की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जुम्मा के बाद चार रकात सुन्नत नमाज़ की नियत

नियत की मैंने बाद जुम्मा 4 रकात सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

एक बात का यहां पर गौर फरमाएं कि यहां पर जो हमने 4 रकात नमाज़ जुम्मा बाद अदा करने की नियत बताई है इस नमाज़ को आप बड़े शहरों में अकेले पढ़ेंगे।

अगर इमाम साहब 2 रकात फर्ज के बाद 4 रकात नमाज़ पढ़ा रहे हो तो इसका मतलब यह है कि वो 4 रकात जोहर की फर्ज पढ़ा रहे हैं इसकी नियत नीचे है।

जुम्मा में चार रकात फर्ज नमाज़ की नियत

नियत की मैंने नमाज़ जोहर की 4 रकात फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

यह नमाज़ जोहर की जुम्मा के दिन छोटे गांव कस्बों में 2 रकात फर्ज के बाद जमाअत से पढ़ाई जाती है हमनें यहां पर इसी लिए जुम्मा में 4 रकात फर्ज की नियत करके लिखा है।

जुम्मा के बाद दो रकात सुन्नत नमाज़ की नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ जुम्मा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जुम्मा के बाद दो रकात नफ्ल नमाज़ की नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ नफ्ल की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

हमनें यहां जिस तरह से एक के बाद एक बताया है उसी तरह जुम्मा की नमाज़ की नियत करके नमाज़ मुकम्मल करें, यह आपकी मुकम्मल नियत है जुम्मा की नमाज़ अदा करने में यही नियत की जाती है यह पुरी 14 रकात की है।

लेकिन आप कभी देखे होंगे या फिर सोचते होंगे कि जुम्मा में कई लोग आते आते ही 2 रकात नमाज़ अदा करते हैं तो आप भी आज जान जाएं कि यह दाखिल मस्जिद की नमाज़ अदा की जाती है इसकी नियत इस तरह करें।

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ मस्जिद में दाखिल होने की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

जुम्मे की नमाज़ की नियत कैसे की जाती है?

जुम्मे की नमाज़ की नियत इस तरह से करें ‘नियत की मैंने 2 या 4 रकात जितनी रकात की नमाज़ हो उतनी रकात बोलें फिर नमाज़ जुम्मा की फर्ज, सून्नत या नफ्ल जो नमाज़ हो यहां पर वही बोलें वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।

आखिरी बात

आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही उम्दा इल्म से रूबरू हुए यकीनन इसके बाद आप आसानी से जुम्मा की नमाज़ की नियत करके नमाज़ मुकम्मल कर पाएंगे अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल हो या डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट बॉक्स के ज़रिए राब्ता जरुर करें।

हम आपके सभी सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे जिसे आप अपने वसवसे से रुखसत पा कर बे झिझक जुम्मा की नमाज़ अदा कर के अपने नामाए आमाल में नेकियों का हुजूम कर सकें साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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