Jumma Ki Namaz Ki Rakat – जानिए जुम्मा की नमाज में कितनी रकात है?

आज यहां पर आप एक बहुत ही ज़रूरी इल्म यानी कि जुम्मा की नमाज की रकात से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल करेंगे हमने यहां पर जुम्मा की नमाज में कितनी रकात नमाज पढ़ी जाती है इसकी जानकारी बहुत ही आसान लफ्ज़ों में दी है।

जिससे पढ़ कर आप आसानी से समझ जाएंगे कि हमें जुम्मा में कितनी रकात नमाज अदा करनी चाहिए कितनी रकात फर्ज नमाज जुम्मा में अदा करना चाहिए और कितनी रकात सुन्नत और नफ्ल नमाज अदा करनी चाहिए।

Jumma Ki Namaz Ki Rakat

जुम्मा की नमाज में कुल मिलाकर सब 14 रकात नमाज पढ़ी जाती है, सबसे पहले 4 रकात सुन्नत मुअक्कदा फिर 2 रकात इमाम के पीछे फर्ज नमाज अदा की जाती है।

इसके बाद अगर आप छोटे इलाके या कस्बों में जुम्मा की नमाज अदा कर रहे हैं तो फिर जुम्मा में 4 रकात जोहर की फर्ज नमाज इमाम के पीछे यानी साथ में अदा की जाती है।

अगर शहर जैसे बड़े इलाकों में जुम्मा की नमाज अदा कर रहे हैं तो 4 रकात सुन्नत खुद से यानी अकेले पढ़ना होता है इसके बाद 2 रकात सुन्नत फिर आखिर में 2 रकात नफ्ल नमाज अदा करें कुल मिलाकर 14 रकात जुम्मा में पढ़ी जाती है।

लेकिन इस बात का भी खूब ज्यादा ख्याल रखें कि जुम्मा की नमाज से पहले 2 रकात की दाखिल मस्जिद की नमाज भी अदा करने का हुक्म है इस नमाज को आप वक्त होने पे सबसे पहले अदा करें इसके बाद ही 4 रकात सुन्नत मुअक्कदा की नमाज पढ़ना शुरू करें।

नमाज का नाम जुम्मा की नमाज
टोटल रकात14 रकात
सुन्नतों की संख्या4+4+2 = 10 रकात
फर्जों की संख्या2 रकात
नफ्ल की संख्या2 रकात
Jumma Ki Namaz Ki Rakat

जुम्मा की नमाज में कितनी रकात सुन्नत पढ़ी जाती है?

जुम्मा की नमाज में कुल मिलाकर 10 रकात सुन्नत नमाज अदा की जाती है सबसे पहले जुम्मा के दिन मस्जिद में जाने पर ही 4 रकात सुन्नत पढ़ा जाता है फिर फर्ज नमाज के बाद 4 रकात सुन्नत अकेले में पढ़ा जाता है।

इसके बाद 2 रकात सुन्नत गैर मुअक्कदा नमाज पढ़ी जाती है लेकीन वही बात फिर अगर आप छोटे कस्बों या गांवों में नमाज ए जुम्मा अदा कर रहे हैं तो 4 रकात सुन्नत नमाज फर्ज के बाद नहीं पढ़ना है।

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जुम्मा की नमाज में कितनी रकात फर्ज पढ़ी जाती है?

जुम्मा की नमाज में सिर्फ 2 रकात की फर्ज नमाज पढ़ी जाती है इस 2 रकात की जुम्मा की फर्ज नमाज को हम सभी इमाम के साथ में ही अदा करते हैं इस नमाज को अकेले यानी तन्हा हो कर मुकम्मल नहीं की जा सकती।

जुम्मा की नमाज में कितनी रकात नफ्ल पढ़ी जाती है?

जुम्मा की नमाज में सिर्फ 2 रकात की नफ्ल नमाज सबसे आखिर में पढ़ी जाती है इस नमाज को मुकम्मल करने के बाद हम सब की रहमत भरी दिन जुम्मा की नमाज मुकम्मल होती है फिर दुआ सलाम करके हम मस्ज़िद से अपने नामए आमाल में नेकियां एड करके रुखसत होते हैं।

जुम्मा की नमाज की पुरी रकात यह है

  • सबसे पहले वक्त होने पे 2 रकात दाखिल मस्जिद की नमाज अदा करें।
  • इसके बाद 4 रकात की सुन्नत मुअक्कदा की नमाज जुम्मा में अदा करें।
  • फिर आपको 2 रकात की फर्ज नमाज इमाम साहब के पीछे अदा करना होता है।
  • इसके बाद शहरों में 4 रकात की सुन्नत नमाज अकेले में खुद से पढ़ना होता है।
  • अगर आप छोटे कस्बों में नमाज ए जुम्मा अदा कर रहे हैं तो वहां आप को इमाम के साथ 4 रकात की जुहर की फर्ज पढ़ाया जाता है।
  • इसके बाद 2 रकात सुन्नत अकेले में खुद से पढ़ा जाता है फिर आखिर में 2 रकात नफ्ल नमाज अदा की जाती है नीचे पूरी तरह से समझ लें।

आख़िरी बात

आप इस पैग़ाम में बहुत ही अच्छे मालूमात यानी इल्म से रूबरू हुए जिसमें आप ने जुम्मा की नमाज की रकात से जुड़ी पूरी बात यानी जानकारी बेहद ही आसान लफ्ज़ों में समझा यकीनन इसके बाद आप अब आसानी से बेझिझक जुम्मा की नमाज अदा कर सुकून पाएंगे।

अगर अभी भी आपके मन में कुछ प्रश्न या किसी भी तरह का कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट बॉक्स के ज़रिए राब्ता जरुर करें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर देने की कोशिश करेंगे जिसे आपके सारे डाउट क्लियर हो जाए और जवाब भी मिल जाए।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपको सीखने को मिला हो तो आप सिखे हुए इल्म को जरूरत के मुताबिक लोगों को ज़रूर बताएं जिसे वो भी जान जाएं जो अभी इंटरनेट तक नहीं पहुंच सकते और जिनके पास इंटरनेट हो उन तक जरूर शेयर करें शुक्रिया।

My name is Shah Noor and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

15 thoughts on “Jumma Ki Namaz Ki Rakat – जानिए जुम्मा की नमाज में कितनी रकात है?”

  1. क्या मस्ज़िद में दाखिल होने से पहले सलाम करने चाहिए या नही

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  2. इस्लाम के बारे में कुछ सवाल हैं जिनका सही जवाब मुझे नही मालूम कोई ऐसा इस्लामिक स्कॉलर या आलिम है जो मेरे कुछ सवालों का सही जवाब दे सकें ताकि में नासमझी के कारण आगे अपनी गलती सुधार सकूँ। जैसे कि रास्ते मे अगर कोई दरगाह मील या दिखे तो सलाम करें ,दुआ करें या दरूद पढ़ें।ऐसे ही कुछ सवाल तो मुझे परेशान करते है

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  3. दरगाहों पर tawwarukh या चादर चढ़ाना रोज़े की चादर चूमना या दरगाह को छीना शिर्क है या ठीक है।

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  4. कोई सनातनी हिन्दू अगर हमसे सलाम करे तो क्या जवाब दें।अगर कोई नॉन मुस्लिम सिर्फ ये बोले कि ,सलाम तो हम उसे जवाब में क्या बोलें

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