आज हम जानेंगे की ईद की नमाज का तरीका क्या होता है, हर साल हमारे दरमियान रमजान के तीस रोजों के बाद ईद आती है, हम सभी लोग ईद का नमाज ईदगाह में अदा करते हैं तथा नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद पेश करते हैं, हम सभी को यह मालूम होना चाहिए कि हमारे लिए ईद का नमाज बहुत ही जरूरी होता है।
हमें और आपको चाहिए की ईद का नमाज किसी भी हाल में ना छोड़े, हम सभी को इस का भी ध्यान रखें कि ईद का नमाज दुरुस्त तरीके से मुकम्मल करें, हमारे दरमियान यह एक साल के बाद आता है जिसके कारण कई लोग भूल जाते हैं की ईद की नमाज का तरीका क्या होता है तथा कई लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं होती कि ईद की नमाज का तरीका क्या होता है।
ऐसे भी हम सभी को अच्छे तरीके से जानने की आवश्यकता होती है, क्योंकि दुरुस्त और मुकम्मल जानकारी जानने के बाद हमें ईद की नमाज अदा करके बहुत ही सुकून मिलता है, इसलिए आज के इस पैगाम के जरिए हम सभी जानेंगे की ईद की नमाज का तरीका क्या होता है साथ ही साथ ईद की नमाज़ की नियत और भी जरूरी बातें जानेंगे।
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Eid Ki Namaz Ka Tarika
सबसे कब्ल आपको ईद की नमाज के लिए नियत करना है अगर आपको नियत नहीं मालूम है तो नीचे लिखा हुआ है उसे याद कर लें।
- इसके बाद अल्लाहू अकबर इमाम साहब कहेंगे इसी वक्त आपको भी अल्लाहू अकबर करते हुए दोनों हाथ को कानों तक उठाना है फिर नाफ के नीचे हांथ बांध लेना है फिर सना पढ़े।
- फिर कानों तक हांथ उठाएं और अल्लाहु अकबर कहते हुए छोड़ दें।
- फिर कानों तक हांथ उठाएं और अल्लाहु अकबर कहते हुए छोड़ दें।
- फिर कानों तक हांथ उठाएं और अल्लाहु अकबर कहते हुए हांथ को बांध लें।
पहली तकबीर के बाद हाथ बांध लीजिए तथा दूसरी और तीसरी तकबीर में हाथ को छोड़ देना है फिर चौथी तकबीर में हाथ बांध लेना है।
इसके बाद इमाम साहब तअव्वुज और तस्मिया आहिस्ता से पड़ेगे अल्हम्दु शरीफ और सुरह बुलंद आवाज के साथ पड़ेगे इस वक्त आपको ध्यान से सुनना है।
फिर इमाम साहब अल्लाहू अकबर कहेंगे तो इस वक्त रुकुअ में जाना है यहां पर आपको हर नमाज़ की तरह तीन, पांच या सात बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ना है।
इसके बाद इमाम साहब समी अल्लाहु लिमन हमीदह कहेंगे तो आपको सिधे खड़े हो जाना है फिर अल्लाहु अकबर कहने पर सजदा करना है यहां पर आपको कम से कम तीन दफा सुब्हान रब्बियल अला पढ़ना है फिर अल्लाहु अकबर कहने पर बैठ जाएं फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहने पर सजदा करना है इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने पर सीधे खड़ा होना है यहां पर आपकी पहली रकअत मुकम्मल हो गई।
- फिर दूसरी रकअत में इमाम साहब पहले ही अल्हमदु शरीफ़ यानि सूरह फातिहा और सुरह पढ़ेगे, इसके बाद तकबीर होगी
- फिर अल्लाहु अकबर कहने के बाद कानों तक हाथ उठाएं और लटका दें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहने के बाद कानों तक हाथ उठाएं और लटका दें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहने के बाद कानों तक हाथ उठाएं और लटका दें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहने पर बिना हाथ उठाए रुकुअ में आपको जाना है।
यहां पर आपको पहले की तरह ही कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ना है, इसी तरह सजदा भी पहले की तरह ही मुक्कमल करें।
लेकिन यहां पर सजदे के बाद सीधा उठने के बजाय बाकी नमाज की तरह ही बैठ जाना है, हर नमाज की तरह यहां पर भी आप को तशह्हुद शरीफ़ पढ़ने के बाद कलिमा के वक्त शहादत उंगली उठाते हैं यहां पर भी उसी तरह करना है इसके दुरूद शरीफ़ दुआए मासूरह पढ़ने के बाद सलाम फेर लीजिए।
यहां पर आप की ईद की नमाज का दोनों रकअत मुकम्मल हो गई, इसके बाद इमाम साहब दो खुत्बे पढ़ते हैं इसके बाद दुआ किया जाता है।
Eid Ki Namaz Ka Tarika Ladies
सबसे पहले आपको यह बता दें कि हमारी मां बहनों के लिए ईद की नमाज नहीं होता है, अगर वे पढ़ना चाहे तो चाश्त की नमाज़ घर पर अदा कर सकते हैं लेकिन इस बात का जरूर ख्याल रखें की जब तलक करीब के ईदगाह में ईद की नमाज मुकम्मल ना हो जाए तब तलक आपको चाश्त की नमाज़ नहीं पढ़ना है।
अगर आप चाश्त की नमाज़ अदा करना चाहते हैं तो अपने घरों में ही पढ़े यही अफजल है, आपको चाहिए की चाश्त का नमाज़ का तरीका अच्छे से जानकर दुरुस्त तरीका से मुकम्मल पढ़े।
Eid Ki Namaz Ki Niyat
नीयत की मैने दो रकअत नमाज़ ईदुल फित्र की वाजिब जाइद छः तकदीरों के वास्ते अल्लाह तआला पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरह अल्लाहु अकबर।
अरबी नीयत हिन्दी में:- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलाति ईदुल फित्र म अ सित़् ती तकबिरात जाएदती वाजिबल्लाहे तआला इक त दयतु बिहाजल इमाम मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहू अकबर।
ध्यान दें:- इमाम साहब को पीछे इस इमाम के या इक त दयतु बिहाजल इमाम नहीं कहना होता है।
ईद की नमाज़ का टाइम
ईद की नमाज़ का टाइम बकद्रे एक नेजा आफताब मतलब सूरज को निकलने के बीस मिनट बाद से लेकर जवाल यानि निसफुन्नहार तक होता है, मगर इस बात का जरूर ख्याल रखें की ईद उल फितर की नमाज में देर करना मुस्तहब है।
ईद की नमाज़ में कितनी रकात होती है?
ईद की नमाज कुल मिलाकर दो रकअत की होती है, इसमें छः जायद तकबीरें होती है, पहली रकअत में तीन तकबीर तथा दुसरी रकअत में तीन तकबीर होती है, यह नमाज़ एक सलाम में मुकम्मल होता है आपको बता दें कि इसमें से एक भी तकबीर छोड़ना जायज नहीं, अगर आप जमात में देर से शामिल होते हैं तो आपको खुद से ही तकबीर पढ़नी होगी।
ईद के दिन करने वाले जरुरी काम
- हजामत बनवाना
- नाखून काटना
- गुस्ल करना
- मिस्वाक करना
- नए कपड़े पहनना
- नए न हो तो साफ कपड़ा पहनना
- अंगूठी पहनना
- खुशबू लगाना
- सुबह की नमाज़ पढ़ना
- ईदगाह जल्द चले जाना
- ईदगाह तक पैदल जाना
- नमाज़ से पहले सदकए फित्र अदा करना
- अगर हो तो ईदगाह से दुसरे रास्ते से वापस आना
- ईदगाह जानें से पहले खुजुर या कुछ मीठा चीज़ खाना
- खुशी जाहिर करना
- सदका व खैरात करना
- ईदगाह तक वकार के साथ जाना
- आपस में एक दूसरे को मुबारकबाद देना
ईद की नमाज़ से जुड़ी कुछ जरुरी बातें
ईद की नमाज वाजिब है मगर सब पर नहीं बल्कि उन्हीं पर जिन पर जुम्मा वाजिब है, इसकी नमाज अदा करने के लिए सब वही शर्तें हैं जो जुम्मे के लिए है।
ईद की नमाज में खुत्बा सुन्नत है जबकि जुम्मे की नमाज में खुतबा शर्त है ईद की नमाज बगैर खुत्बे के भी मुकम्मल हो सकती है।
अगर पहली रकअत में देर से शामिल हुए तो खुद से तीन तकबीर कहें,अगर इमाम रुकुअ में चले गए तो आपको वहीं पर तीन तकबीर कहना चाहिए।
अगर दुसरी रकअत में शामिल हुए तो वहां पर आपको पहली रकअत की छूटी तकबीर नहीं कहना है, अगर दुसरी की छूटी हो तो कह लें कोई हर्ज नहीं।
अगर कभी इमाम साहब तकबीर पे हाथ न उठाएं तो आपको पैरवी नहीं करना चाहिए, आप को हाथ उठाना चाहिए यह दुरुस्त होता है।
अगर किसी कारणवश आप ईद की नमाज नहीं अदा कर पाए हैं तो आपको चाश्त की चार रकअत का नमाज़ पढ़ना चाहिए, या फिर किसी जगह जमाअत होना बाकी है तो वहां शामिल हो जाएं।
आखिरी बात
हमने इस पैगाम के जरिए आप तक ईद की नमाज़ की नमाज़ का तरीका मुकम्मल और दुरुस्त तरीके से पहुंचाया है, आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद ईद की नमाज अदा करने का मुकम्मल जानकारी हासिल कर लिए होंगे।
हमारा कोशिश शुरुआत से लेकर अभी तक यही रहा है कि हम अपने से जानकारी को अच्छे तरीके से इकट्ठा करने के बाद सभी लफ्ज़ और बातों को आसान एवं सरल भाषा में पहुंचाएं, जिसे पढ़ने के बाद आप सभी लोगों को आसानी से समझ सके।
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