Fatiha Me Kya Kya Padha Jata Hai – फातिहा में क्या क्या पढ़ा जाता है?

आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप जानेंगे कि फातिहा में क्या क्या पढ़ा जाता है हमने यहां पर फातिहा में पढ़ी जाने वाली हर एक चीज़ को बताया है, कि फातिहा में कब और कौन सी सूरह पढ़ी जाती है।

आप यहां पर ध्यान से पढ़ें और आसानी से समझ कर अपने हर अहलो आयाल जो रूखसत कर चुके और औलियाए किराम के मजार पर या फिर त्योहारों में आसानी से फातिहा पढ़ कर खूब सवाब पहुंचाएं।

हम सभी इस्लामिक तबकात के लोगों को हर छोटे से बड़े हर आकिल व बालिग को फातिहा पढ़ने का तरीका मालुम होना ही चाहिए जिससे हम फातिहा दे कर सवाब पहुंचा सकें और अपने नामाए अमाल में नेकियों का इज़ाफा करें।

Fatiha Me Kya Kya Padha Jata Hai

  • सबसे पहले 3 मरतबा दुरूदे इब्राहिम पढ़ा जाता है।
  • इसके बाद 1 मरतबा सूरह फातिहा पढ़ा जाता है।
  • इसके बाद सूरह काफिरून 1 मरतबा पढ़ा जाता है।
  • अब इसके बाद सूरह इखलास 3 मरतबा पढ़ा जाता है।
  • इसके बाद 1 मरतबा सूरह फलक पढ़ा जाता है।
  • अब इसके बाद सूरह नास 1 मरतबा पढ़ा जाता है।
  • फिर इसके बाद सूरह फातिहा 1 एक मरतबा पढ़ा जाता है।
  • फिर सूरह बकरह सिर्फ मुफ्लिहु न तक पढ़ा जाता है।
  • अब 1 एक बार आयते खामसह पढ़ा जाता है।

इसके बाद सुब्हाना रब्बिक व रब्बिल इज्जते अमा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलिम वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन ये पढ़ कर अल फातिहा कहें और बख़्शिश करें।

फातिहा में कौन कौन सी सूरत पढ़ी जाती है?

सबसे पहले फातिहा में कुरान पाक की पहली और बेहद ही उम्दा सूरह अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ा जाता है और इसके बाद कुरान ए पाक कि सूरह काफिरून जो सबसे आखिरी पारे में कुरान ए पाक की 109 वां सूरह है।

फिर बहुत ही मशहूर रहमत व बरकत भरी सूरह कुल हुवल्लाहु शरीफ यानी सूरह इखलास 3 मरतबा पढ़ा जाता है, यह सूरह कुरान ए पाक के तीसवें पारे में 112 वां सूरह है।

इसके बाद कुरान ए पाक कि सूरह, सूरह फलक 1 मरतबा पढ़ा जाता है यह सूरह कुरान ए पाक में 113 वां सूरह है और इससे भी आप तीसवें पारे में पाएंगे।

अब 1 मरतबा सूरह नास पढ़ी जाती है इसे आप कुरान ए पाक में सबसे आखिरी में पाएंगे, इसके बाद फिर 1 बार सूरह फातिहा पढ़ी जाती है।

यहां तक बात रही सूरह की इसके बाद यानी सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरह बकरह पुरा नहीं सिर्फ मुफ्लिहु न तक पढ़ी जाती है और आख़िर में आयते खामसह पढ़ कर फातिहा में पढ़ने का सिलसिला खत्म हो जाएगा इसके बाद आप बख़्शिश करें।

बख़्शिश करने का सही तरीका

सबसे पहले सही तरीके से दोनों हाथों को उठा कर दुरूद शरीफ पढ़ें, फिर यूं बारगाहे इलाही में अर्ज करें कि जिक्रो अज्कार दुरूदो सलाम तिलावते कुरआन मजीद ख़त्म शरीफ तबर्रुकाते तआम शिरनी फल फ्रुट गर्ज यह कि ऐ अल्लाह जो कलिमात तय्यिबात पहले या इस महफिल में पढ़े या सुने गए इनमें जो भुल कर या जानकर गलतियां खामियां पैदा हो गई उनको माफ फरमा और उसकी इस्लाह की तौफिक इनायत फरमा।

ऐ मेरे रब अपने महबूब मुकर्रम के सदके इस को कुबूलियत का दर्जा अता फरमा और अपने फजल व करम से सवाब इनायत फरमा कर इस सवाब को पहुंचा बखिदमते अकदस हुज़ूर पुरनूर सय्यदूल मुरसलीन शफीउल मुजनबीन रहमतुल लिलआलमिन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाहे आली में आपके सदके व तुफैल तमाम अम्बियाए किराम खुलफाए राशिदीन अहले बैत किराम व जुमला सहाबा ताबईन तबअ ताबईन अइम्मा मुजतहदीन व अइम्माए तरीकत खुसूसन हुज़ूर गौसे पाक शैख सैयद अब्दुल कादिर जिलानी रजियल्लाहु अन्हुं व गरीब नवाज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रजियल्लाहु अन्हुं जुमला सादात व जमीअ बुजुर्गाने सिलसिलए आलिया , कादरिया चिश्तिया सुहरवर्दिया नक्शबंदीया उवैसिया वगैरह वगैरह व जमीअ अरवाहे सिद्दिकीन शोहदा व सालिहीन औलियाए किराम सूफियाए इजाम मुतकद्दिमीन से लेकर मुतआखिरीन तक जुमला मोमिनिन व मोमिनात मुस्लिमीन व मुस्लिमात अगर पिरो मुर्शिद या वालिदैन में से कोई जिन्दा ही हो उनको सवाब बख्शे। खुसूसन जिसको बख्शना मकसूद हो उस का नाम लेकर उनकी खिदमत में सवाब पेश करें।

FAQs

फातिहा के बाद दुआ कैसे मांगे?

फातिहा के बाद सभी को नज्र कर के दुआ मांगे इसके लिए पुरा पैगाम पढ़ें।

फातिहा में कौन सा सूरह पढ़ा जाता है?

फातिहा में सूरह फातिहा,‌ सूरह काफिरून, सूरह इखलास, सूरह फलक, सूरह नास, और सूरह बकरह की कुछ‌ हिस्सा पढ़ा जाता है।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में यह जाना कि फातिहा में क्या क्या पढ़ा जाता है, यकीनन आपको अब मालुम हो गया होगा कि फातिहा में क्या क्या पढ़ा जाता है हमने यहां पर इसके साथ साथ इसाले सवाब यानी बख्शने का भी तरीका बताया जो आपके लिए काफी मददगार रहा होगा।

अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल फातिहा से जुड़ी मन में आ रही हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ भी सकते हैं हम आप के सवाल का जवाब ज़रूर पेश करेंगे क्योंकी मेरा मकसद शुरू से ही यही रहा है कि हम आपको आसान लफ़्ज़ में बताएं और आप आसानी से अमल में ला सकें।

अगर आप को यह पैगाम अच्छा लगा हो यानी की इस पैग़ाम से कुछ भी आपको थोड़ा भी हासिल हुआ हो तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को बता कर अपने नामाए आमाल में नेकियों का इज़ाफा करें साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें हमें आपकी दुआ की बहुत ज्यादा ज़रूरत है।

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