Ghusl Ki Dua – ग़ुस्ल करने की दुआ और सुन्नत तरीका

आज यहां पर आप एक तरह की बहुत ही अच्छी और बेहतरीन अमल यानी ग़ुस्ल की दुआ और सही तरीका जानेंगे हमने यहां पर ग़ुस्ल की दुआ और सही तरीका बहुत ही साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में पेश किया है।

जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे कि ग़ुस्ल की दुआ और सुन्नत यानी सही मुकम्मल तरीका क्या है यकीनन इसके बाद आप आसानी से ग़ुस्ल करना सीख जाएंगे इसी लिए आप ध्यान से पूरा पैग़ाम को पढ़ें।

नोट:- आप को इस बात का खुलासा या यूं कहूं तो डाउट यानी कंफ्यूजन दूर हो जाए कि ग़ुस्ल की दुआ नहीं होती है अगर आप ग़ुस्ल का तरीका जानना चाहते हैं तो ही इस लेख को पढ़ें।

ग़ुस्ल की दुआ

आप अगर ध्यान दिए होंगे तो हमने उपर में ही इस कंफ्यूजन यानी गलतफहमी को दूर किया की ग़ुस्ल की दुआ नहीं होती बेहतर यही होगा की आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ कर ग़ुस्ल करना शुरू करें।

आप चाहे तो ग़ुस्ल के लिए नियत भी कर सकते हैं जिसमें आप दिल का इरादा करेंगे वही काफी है लफ्ज़ से कहना चाहे तो यूं कहें मैं नियत करता मैं अपने रब की रजा और खुद की सवाब के लिए यही बेहतर है।

आइए अब आगे जानते हैं कि ग़ुस्ल किस तरह से की जाय और यह क्या है और क्यों जरूरी है इन सभी बातों का जवाब इस पैगाम को आख़िर तक पढ़ने तक हासिल हो जाएगा तो पूरा लेख ध्यान से पढ़ें।

ग़ुस्ल का अर्थ क्या है?

ग़ुस्ल का अर्थ पाकीज़गी या मॉडर्न वर्ड में यूं कहूं तो स्नान होता है लेकिन इसे तरीके से मुकम्मल यानी पुरा करना होता है जिस में ग़ुस्ल की फर्ज अहमियत रखती है अगर यह पुरी नहीं होगी तो आपकी ग़ुस्ल नहीं होगी।

ग़ुस्ल क्यों जरूरी है?

हर तरह के नेक व जायज नमाज व कुरान पढ़ने के लिए ग़ुस्ल बहुत जरूरी है नमाज पढ़ने के लिए ग़ुस्ल करना ही होगा कुरान पाक पढ़ने के साथ साथ छूने में भी ग़ुस्ल जरूरी है कहीं पर भी खास जगह जैसे औलियों की दरबार में हाजिर होने से पहले ग़ुस्ल कर लेना चाहिए।

हर वो जगह हर वो मकाम हर वो नेक काम और और हर वो नेक इबादत जिसमें हमें अपने रब से सामना करना हो ग़ुस्ल कर लेना चाहिए शायद आप भी जानते ही होंगे कि ग़ुस्ल यानी इस पाकीज़गी से भी हमारी और आपकी आधी ईमान मजबूत व महफूज रहती है।

ग़ुस्ल कैसे करें?

Step 1:- सबसे पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ कर नियत भी कर लें।

Step 2:- इसके बाद अपने दोनों हाथों को एक दुसरे हांथ की मदद से गट्टों तक धोएं।

Step 3:- फिर इसके बाद अपने शर्मगाह यानी नाफ के निचले हिस्सों को अच्छे से धोएं।

Step 4:- अगर बदन पर कहीं पर भी निजासत यानी गंदगी लगी हो तो उसे भी धो लें।

Step 5:- फिर नाक में पानी डाल कर साफ़ कर लें या फिर वजू कर लें बेहतर होगा।

Step 6:- इसके बाद अपने हाथों से पूरे बदन पर पानी अच्छे से फिरा फिराकर मलें।

Step 6:- इसके बाद अपने बदन के दाहिने कन्धे पर पानी बहाएं इस तरह कम से कम तीन बार बहाएं।

Step 7:- फिर बाए कंधे पर पानी बहाएं और साथ ही दोनों कंधों के इर्द गिर्द अच्छी तरह से मलें।

Step 8:- इसके बाद अच्छी तरह से पूरे बदन पर पानी फेरे बहाएं जिसे सब अंग भीग जाए।

Step 9:- फिर उसी पानी पर हांथ पूरे बदन पर फेरे अच्छे से जानने के लिए पढ़ें ग़ुस्ल का तरीका।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही अच्छी इल्म हासिल की साथ ही एक कंफ्यूजन भी दूर की जिसमें आपने यह जाना की ग़ुस्ल की दुआ होती ही नहीं इसके बाद आप बहुत जानकारी ग़ुस्ल से जुड़ी हासिल की यकीनन इसके बाद आप गलतफहमी से दूर हो गए होंगे और ग़ुस्ल करना सीख गए होंगे।

अगर अभी भी आपके जहन में ग़ुस्ल की दुआ या तरीका से जुड़ी किसी तरह का कोई सवाल हो या फिर किसी तरह का कोई अन्य डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब अपने जानिब से जल्द से जल्द पेश करने की कोशिश करुंगा।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपको सिखने को मिली हो इल्म हासिल हुई हो तो आप भी उन सभों को जरूर बताएं या पहुंचाएं जिन्हें मालूम न हो जो वाकिफ न हो साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी ज़रूर याद रखें शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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