गुसल में कितने फर्ज होते हैं?

आप इस पैग़ाम में छोटी लेकिन बहुत ही ज़रूरी बात जानेंगे कि गुसल में कितने फर्ज होते हैं, हम सब का मजहब यानी मज़हब ए इस्लाम का पाकीज़गी ही इसकी खूबसूरती और शान है, हम सब अपने खुदा के बताए रास्ते पर अपनी ज़िंदगी को गुजारना चाहते हैं।

आज हम उसी में से एक बेहतरीन तरीक़ा का फर्ज यानी गुसल का फर्ज जानेंगे जिससे सबसे ज़रूरी माना गया है क्योंकि बगैर तहारत हम कुछ भी नेक अमल जैसे नमाज़ पढ़ना, कुरान पढ़ना जैसे नेक अमल नहीं कर सकते हैं इस बात से आप भी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कितना ज़रूरी है।

तो आप इस पैग़ाम में गुसल फर्ज से जुड़ी मुकम्मल इल्म हासिल करेंगे हमने यहां पर बहुत ही आसान लफ्ज़ों में गुसल का फर्ज से ताल्लूक सभी बात बताई है आप इस लेख को शुरू से लेकर आख़िर तक ध्यान से पढ़ें और याद रखें साथ ही रोज़ की ज़िंदगी में गुसल करते समय फर्ज अदा करें।

गुसल में कितने फर्ज होते हैं?

गुसल में 3 तीन फर्ज होते हैं:-

  1. कुल्ली करना
  2. नाक में पानी चढ़ाना
  3. तमाम जाहिरी बदन पर पानी बहाना

#गुसल का फर्ज क्या है?

गुसल का फर्ज यानी गुसल के दौरान किया जाने वाला वो काम जिसका करना निहायत ज़रूरी है अगर इनमें से किसी एक को भी छोड़ दिया या इन फर्ज में से किसी एक में भी कमीं कर दी इस हाल में गुसल होगा ही नहीं।

#1. गुसल का पहला फर्ज कुल्ली करना

जब आप गुसल करें तो इस बात का ख्याल ज़रूर रखें कि मुंह के हर हिस्से में होंठ से लेकर हल्क की जड़ तक जितने भी हो हर हिस्से के अन्दर तक पानी बह जाए।

बहुत बार ऐसा भी देखा गया है कि लोग थोड़ा सा पानी को मुंह में लेकर तुरंत ही बगैर अच्छी तरह कुल्ली किए ही निकाल देते हैं ऐसे में फर्ज पूरा नहीं होगा।

जब तक पानी जुबान की जड़ और हल्क के किनारे तक न पहुंचे तो ऐसे में गुसल न होगा ना ही इस तरह से नहाने के बाद आप की आप पाक न होंगे।

अगर दांत में कोई भी चीज़ जमीं या फंसी हो या फिर जड़ों या खिड़कियों में कोई ऐसी चीज लगी हो जो पानी को बहने से रोके उसे ज़रूर छुड़ा लें।

लेकिन ऐसा चीज़ जिसे छुड़ाने में नुकसान हो जैसे दांत के जड़ों की चुना या औरतों की दांत की मिस्सी की रेखें हो तो ऐसे में रहने दें नुकसान का खतरा माफ़ है।

#2. गुसल का दुसरा फर्ज नाक में पानी चढ़ाना

इस बात का भी ज़रूर ख्याल रखें कि जब स्नान यानी गुसल कर रहे हो तो अपने नाक के दोनों नथनो में जहां तक भी आपको लगे की यहां तक नर्म है।

हर हिस्से तक पानी अच्छे से बहाएं ध्यान रखें अंदर की कोई भी हिस्सा धुलने से रह न जाए बल्कि पानी को उपर की सांस खींच ने की मदद से उपर तक चढ़ाएं।

अगर नाक के अन्दर गन्दगी लगी हो यानी रेंठ लग गई हो तो उस का छुड़ाना भी फर्ज है अगर इस तरह आपने नहीं किया तो गुसल होगा ही नहीं।

औरतों की नाक में बुलाक होती है अगर वह बंद नहीं है तो उसमें भी पानी पहुंचाना ज़रूरी है अगर जकड़ा हो तो उससे अच्छे से हिला हिला कर पानी पहुंचाएं यह फर्ज है, नहीं तो फिर गुसल होगा ही नहीं।

#3. गुसल का तीसरा फर्ज पूरे बदन पर पानी बहाना

सबसे अहम और ज़रूरी बात पुरे बदन पर पानी इस तरह से फेरे की सर के एक एक बाल से लेके पांव के तल्लु तक जितने हिस्से हो हर हिस्से में पानी पहुंच कर बह जाए।

यहां तक कि कण कण में साथ ही रोंगटे में भी हर जगह से पानी पहुंच कर बह जाए, जरा सुराख में भी पानी पहुंचने से बाकी रह गया तो गुसल होगा ही नहीं।

अक्सर लोगों में यह कंफ्यूजन होता है कि सिर्फ पानी को फेर या पोत लेने से गुसल हो जाएगा जी कभी भी हरगिज़ नहीं होगा इन छोटी छोटी बातों का ज़रूर ख्याल रखें।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में जाना कि गुसल में कितने फर्ज होते हैं साथ ही गुसल का फर्ज पूरा करने का तरीक़ा भी जाना आपको बताते चलें कि सिर्फ गुसल का फर्ज ही नहीं बल्कि हर चीज़ का फर्ज पूरा करना चाहिए क्योंकि फर्ज के बगैर वो चीज़ जो आप कर रहे हो वो होगी ही नहीं।

इसीलिए इन छोटी छोटी बातों का ध्यान ज़रूर रखें यह जानकर हमें खुशी हुई कि आपने छोटी से छोटी लेकीन ज़रूरी बातों का ध्यान रखा तब ही तो यहां तक आएं वैसे यह छोटी पैग़ाम आप को कैसा लगा हमें जरूर बताइएगा अगर अब भी आपके मन में कोई डाउट हो तो हमसे ज़रूर पूछे।

हम आपके सवालों को जवाब जल्द देने की कोशिश करेंगे अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने इस्लामी मोमिन को भी बताएं और अमल करने के लिए बोलें साथ ही अपने हर अजीजों अकारीब के साथ साथ सभी तक पहुंचाएं और नेकी में इज़ाफा करें।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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