Johar Ki Namaz Ki Rakat – जोहर की नमाज की रकात जानिए

आज यहां पर आप एक बहुत ही खुबसूरत और ज़रूरत की इल्म यानी कि जोहर की नमाज की रकात से जुड़ी मुकम्मल पूरी जानकारी जानेंगे, हमने यहां पर जोहर की नमाज की रकात से जुड़ी बेहतर और मुकम्मल जानकारी हिंदी के बहुत ही साफ़ व आसान लफ्ज़ में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद यकीनन आप जोहर की नमाज की रकात से जुड़ी हर तरह के जानकारी इल्म से रूबरू हो जाएंगे, इसे पढ़ने के बाद आप यह जान जाएंगे कि जोहर की नमाज में कितनी और कौन कौन सी रकात पढ़ी जाती है इसी लिए इसे ध्यान से पढ़ें और आसानी से समझें।

Johar Ki Namaz Ki Rakat

जोहर की नमाज की रकात 12 होती है यानी कि जोहर की नमाज में कुल मिलाकर सब 12 रकात नमाज अदा की जाती यानी पढ़ी जाती है।

सबसे पहले जोहर की नमाज में 4 रकात सुन्नत मुअक्किदह नमाज अदा की जाती है इसके बाद 4 रकात फर्ज जोहर की नमाज में पढ़ना होता है फिर 2 रकात की सुन्नत मुअक्किदह पढ़ा जाता है इसके बाद सबसे आखिर में 2 रकात नफ्ल नमाज जोहर में अदा किया जाता है।

जब जोहर का वक्त हो जाए तो सबसे पहले 4 रकात सुन्नत अदा करें फिर पुरुष हजरात हैं और जमात वाली जगह यानी मस्जिद वगैरह में हैं तो आपको 4 रकात फर्ज जमात के साथ पढ़ाया जाता है इसके बाद आप अब 2 रकात सुन्नत जोहर की अकेले यानी खुद से पढ़ेंगे और 2 रकात की नफ्ल भी।

इसे भी पढ़ें: जोहर की नमाज़ का सही तरीका

इसी तरह हमारी इस्लामी मां बहनों के लिए यह तरतीब है कि जोहर का वक्त हो जाए या मस्जिद से जोहर की अज़ान कानों में आ जाए तो सबसे पहले 4 रकात सुन्नत अदा करें फिर 4 रकात फर्ज अदा करें इसके बाद 2 रकात सुन्नत अदा करें और आखिर में 2 रकात नफ्ल नमाज अदा करके नमाज मुकम्मल करें।

नमाज का नामजोहर की नमाज
सुन्नतों की संख्या4+2+6 = रकात
फर्जों की संख्या4 रकात
नफ्ल की संख्या 2 रकात
कुलं रकात 12 रकात
Johar Ki Namaz Ki Rakat

जोहर की नमाज में कितनी रकात सुन्नत पढ़ी जाती है?

जोहर की नमाज में सब मिलाकर कुल 6 रकात सुन्नत नमाज अदा की जाती है सबसे पहले जब जोहर का वक्त हो जाए तो 4 रकात सुन्नत नमाज एक सलाम में मुकम्मल करें।

इसके बाद 2 रकात सुन्नत आप 4 रकात फर्ज अदा करने के बाद तन्हा पढ़ेंगे इस तरह से समझें सबसे पहले 4 रकात सुन्नत फिर फर्ज पढ़ें इसके बाद 2 रकात सुन्नत पढ़ें।

लेकीन ख़ासकर पुरूष हजरात के लिए जब आप मस्जिद उस वक्त दाखिल हुए जब जोहर की 4 रकात की फर्ज नमाज पढ़ी जा रही हो तो यहां पर आप भी शामिल हो जाएं।

इसके बाद भी शुरु के 4 रकात की सुन्नत पढ़ी जा सकती है ऐसा हरगिज़ न सोचें की पहले 4 रकात की सुन्नत अदा कर लें तब फर्ज पढ़ेंगे, जमात की बहुत बड़ी फजीलत है।

जोहर की नमाज में कितनी रकात फर्ज पढ़ी जाती है?

जोहर की नमाज में सिर्फ 4 रकात की फर्ज नमाज एक सलाम में पढ़ कर मुकम्मल किया जाता है यानी एक ही बार नियत करके पुरा 4 रकात जोहर की फर्ज नमाज अदा करें।

आप इस 4 रकात की फर्ज नमाज को दो तरीकों से पढ़ सकते हैं सबसे पहले अकेले में 4 रकात फर्ज पुरा करें और दुसरा तरीका जमात के साथ लेकीन इस तरह केवल पुरूष पढ़ सकते हैं।

मस्ज़िद में जोहर की 4 रकात फर्ज नमाज जमात के साथ पढ़ाई जाती है आप मस्जिद में जाएं तो इस 4 रकात की फर्ज नमाज को जमात के साथ ही पढ़ कर मुकम्मल करें।

जोहर की नमाज में कितनी रकात नफ्ल पढ़ी जाती है?

जोहर की नमाज की रकात में सिर्फ 2 रकात की नफ्ल नमाज शामिल है यानी आपको जोहर की नमाज में केवल 2 ही रकात की नफ्ल नमाज एक सलाम में पढ़ना चाहिए इस 2 रकात की नफ्ल नमाज को अदा कर लेने के बाद आपकी जोहर की नमाज की रकात मुकम्मल हो जाएगी।

जोहर की नमाज की रकात पूरी इस तरह करें

  • सबसे पहले 4 रकात सुन्नत अदा करें।
  • इसके बाद 4 रकात की फर्ज अदा करें।
  • फिर अब 2 रकात की सुन्नत नमाज अदा करें।
  • अब आखिर में 2 रकात की नफ्ल नमाज अदा करें।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम के ज़रिए जोहर की नमाज की रकात से जुड़ी मुकम्मल जानकारी हासिल किया हमने इसमें सभी बातों को आसान लफ्ज़ों में लिखा था इसे पढ़ने के बाद आप यह तो जान ही गए होंगे कि जोहर की नमाज में कितनी रकात नमाज अदा की जाती है।

अगर अभी भी आपके जहन में जोहर की नमाज की रकात से जुड़ी किसी तरह का कोई सवाल या फिर किसी भी तरह का डाउट हो तो आप हमसे अपने सवालों को बेझिझक कॉमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सभी सवालों का जवाब जल्द देने की कोशिश करेंगे।

अगर यह खुबसूरत पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपको हासिल हुई हो तो आप भी इस तरह की इल्म को जिन्हें न मालूम हो उन्हें जरूर बताएं साथ ही सोशल नेटवर्क के ज़रिए इसे फैलाएं और साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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