आज़ इस खूबसूरत पैगाम में आप शबे बरात की 6 रकात नफ्ल नमाज का सही तरीका जानेंगे इस नमाज़ को हम सब शबे बरात की रात मगरिब की नमाज अदा करने के बाद पढ़ते हैं जो बहुत ही रहमत व बरकत भरी नमाज है।
आज इसी नमाज को अदा करने का सही और दुरूस्त तरीका आप जानेंगे जिसे आप आसानी से शबे बरात की 6 रकात नफ्ल नमाज अदा कर सकेंगे, इसीलिए आप इस पैग़ाम को ध्यान से पुरा आखिर तक पढ़ें।
Shab E Barat Ki 6 Rakat Nafil Namaz Ka Tarika
शबे बरात की 6 रकात नफ्ल नमाज भी आप बाकी नफ्ल नमाज की तरह ही पढ़ें 3 बार में 2-2 रकात करके पुरा 6 रकात नमाज मुकम्मल करें लेकीन इससे पहले कुछ नियत और दुआ करनी है जो हम आप को नीचे बताए हैं।
पहली 2 रकात नफ्ल नमाज
सबसे पहले 2 रकात नमाज शुरू करने से पहले अपने रब से अर्ज करें कि ऐ अल्लाह इन दो रकात की बरकत से मुझे उम्र दराज और खैरो बरकत अता फरमा इसके बाद 2 रकात अदा करें।
जब 2 रकात मुकम्मल हो जाए तो बैठ कर सूरह यासीन शरीफ एक बार और 21 बार सूरह इखलास फिर एक दुआ ए निस्फ शाबान पढ़ें यह दुरूस्त है।
दुसरी 2 रकात नफ्ल नमाज
इसके बाद दो रकात पढ़ने से पहले यह अर्ज़ करें कि ऐ अल्लाह इन दो रकात की बरकत से हर तरह की बला से हिफाजत फरमा इसके बाद 2 रकात नफ्ल नमाज पढ़ें।
यहां भी जब दो रकात नमाज मुकम्मल हो जाए तो बैठ कर 1 बार सूरह यासीन शरीफ 21 बार सूरह इखलास और एक बार दुआ ए निस्फ शाबान पढ़ें।
तीसरी 2 रकात नफ्ल नमाज
यहां पर नमाज शुरू करने से पहले अपने रब से यह अर्ज़ करें कि ऐ मेरे अल्लाह इन 2 रकात नमाज की बरकत से मुझे सिर्फ अपना मोहताज रख गैरों की मोहताजी से बचा।
इसके बाद यहां भी नमाज मुकम्मल करने के बाद सूरह यासीन शरीफ एक बार और 21 बार सूरह इखलास और एक बार दुआ ए निस्फ शाबान पढ़ें।
इस तरह से नमाज अदा करने पर आपने जाना ही की हर 2 रकात के बाद 1 एक बार सूरह यासीन शरीफ पढ़ना है, फिर 21 मरतबा सूरह इखलास यानी कुल हु अल्लाहु शरीफ पढ़ना होगा और एक बार दुआ ए निस्फ शाबान भी पढ़ना है।
Read Here: Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika
Shab E Barat Ki 6 Rakat Nafil Namaz Ki Niyat
आप यहां पर ध्यान दें कि इस 6 रकात नमाज को 2 – 2 रकात की नियत से 3 बार में पुरा 6 रकात मुकम्मल करना है इसीलिए आप यहां इस तरह से नियत करें।
नियत की मैने 2 रकात नमाज शबे बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
आप इसी तरह 2 – 2 रकात की नियत कर के पुरा 6 रकात 3 सलाम में मुकम्मल करें और हर दो रकात के बाद 1 बार सूरह यासीन शरीफ 21 बार सूरह इखलास और 1 बार दुआ ए निस्फ ज़रूर पढ़ें।
अगर आप 2 रकात नफ्ल नमाज का तरीका भी जानना चाहते हैं तो आप यहां पर 2 रकात नफ्ल नमाज पढ़ने का तरीका पर क्लिक करके जान लें।
अगर आप दुआ ए निस्फ हिंदी में पढ़ना चाहते हैं तो ब्लू टेक्स्ट पे क्लिक करके पढ़ लें, और सूरह यासीन शरीफ हिंदी में पढ़ना चाहते हैं तो भी ब्लू टेक्स्ट पे क्लिक करके पढ़ लें और सूरह इखलास भी पढ़ लें।
दुआ ए निस्फ शाबान न आए तो ऐसे दुआ करें।
अगर दुआ ए निस्फ अरबी में पढ़ने में आसानी महसूस नहीं हो या लफ्ज़ों का सही अदाएगी न हो सके तो आप इस दुआ का तरजूमा इस तरह पढ़ें।
ऐ मेरे अल्लाह तू ही सब पर एहसान करने वाला है और तुझ पर कोई एहसान नहीं कर सकता ऐ बुजुर्गी और मेहरबानी रखने वाले और ऐ बख्शिश का का इनाम करने वाले तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तू ही गिरतों को थामने वाला है बेपनाहों को पनाह देने वाला है और परेशान हालों का सहारा है।
ऐ अल्लाह अगर तूने मुझे पा उम्मुल किताब में भटका हुआ या महरूम या कम नसीब लिख दिया है तो ऐ अल्लाह अपने फज्ल से मेरी खवारी बद बख्ती रांदगी और रोज़ी की कमी को मिटा दे और अपने उम्मूल किताब में मुझे खुश नसीब वसीअ रिज्क और नेक कर दे।
बेशक तेरा यह कहना तेरी किताब में जो तेरे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के जरिए हमें पहुंची है सच है कि अल्लाह जो चाहता है बना देता है और उसी की के पास उममुल किताब है ऐ खुदा तजल्ली आज़म का सदका इस निस्फ शाबान मुकर्रम की रात में जिसमें तमाम चीजों की तकसीम व निफाज़ होता है।
मेरी बलाओं को दूर कर ख्वाह मैं इन को जानता हूं या न जानता हूं और जिनसे तू वाकिफ है। बेशक तू ही सबसे बरतर और बढ़ कर एहसान करने वाला है अल्लाह की रहमत व सलामती हो हमारे सरदार मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल व औलाद और सहाबा पर आमीन।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में शबे बरात की 6 रकात नफ्ल नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ा, यकिनन इसके बाद आप आसानी से शबे बरात की रात में 6 रकात मगरिब बाद नफ्ल नमाज पढ़ लेंगे, आप यह नमाज ज़रूर पढ़ें जिससे आप अपना हर ख्वाहिश पुरी कर सकें।
अगर अभी भी आपके जहन में कोई सवाल आ रहा हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सवाल का उत्तर जल्द पेश करने की कोशिश ज़रूर करेंगे क्योंकी मेरा मकसद शुरू से अभी तक यही है कि हम आपको पुरा इल्म आसान लफ्ज़ों में बता पाएं और आप समझ जाएं।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपको हासिल हुई हो तो बराए मेहरबानी सभी आशीके रसूल को जरूर बताएं जिससे वो भी शबे बरात की रात इबादत में गुजार कर अपने नामाए अमाल में नेकियों का इज़ाफा कर के और मगफिरत करा सकें।
Assam alaikum
Ye 6 rakat Nafil namaz magrib ki namaz ke baad padna he isha ki namaz ke baad nhi phad sakte
Ji Padh Sakte Hain, But Ontime Maghrib Hi hai.