Surah Asr In Hindi – सूरह अल-अस्र हिंदी में

आज के इस खूबसूरत पैगाम के ज़रिए आप सूरह अस्र हिंदी में पढ़ेंगे यहां पर हमने सूरह अस्र हिंदी के साथ साथ बहुत ही साफ़ व आसान लफ्ज़ों में लिखा है जिससे आप आसानी से हर एक हर्फ को पढ़ पाएंगे।

आप यहां पर सूरह अस्र को पढ़ कर याद भी कर लें ताकी आप इससे नमाज़ में भी पढ़ सकें और ज़रूरत के मुताबिक़ भी याद रहने पर पढ़ सकते हैं यहां आप इस पैगाम को शुरू से आख़िर तक पढ़ें।

यहां पर हमने सूरह अस्र हिंदी में लिखने के साथ साथ सूरह अस्र का तर्जुमा भी बताया है और इस सूरह अस्र का फ़रमान यानी सूरह अस्र की तफ्सीर भी लिखी है जिससे आप इसके हर एक लफ्ज़ को समझ जाएं।

Surah Asr In Hindi

  • बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
  • वल असर
  • इन्नल इनसा न लफी खुस्र
  • इल्लल लजि‌ न आमनू व अमिलुस
  • सालिहाति वत वासौ बिल हक्कि
  • वत वासौ बिस सब्र

Surah Asr In Hindi Text

बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. वल असर. इन्नल इनसा न लफी खुस्र. इल्लल लजि‌ न आमनू व अमिलुस सालिहाति वत वासौ बिल हक्कि वत वासौ बिस सब्र
surah asr in hindi. IS Raza
Surah Asr Image

Surah Asr Ka Tarjuma In Hindi

अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला, इस जमाना ए महबुब कि कसम बेशक आदमी जरूर नुकसान में है मगर जो इमान लाए और अच्छे काम किये और एक दुसरे को हक की ताकिद की और एक दुसरे को सब्र की वसीयत दी।

Surah Asr In Roman English

  • Bismillah Hirrahmaan Nirraheem.
  • Wal Asr.
  • Innal Insaa-na Lafee Khusr.
  • Illal Lazee-na AamnooWa Amilus Saalihaatee Wat Waasau Beel Haqqi Wat Waasau Bees Sabr.

Surah Asr Ka Tarjuma In English

Allah Ke Naam Se Shuru Jo Bahut Meharbaan Rahmat Wala. Is Jamaana e Mahboob Ki Kasam Beshaq Aadmi Jarur Nuksaan Me Hai Magar Jo Emaan Lae Aur Acche Kaam Kiye Aur Ek Dusre Ke Haq Ko Takeed Ki Aur Ek Dusre Ko Sabr Ki Waseeyat Di.

सूरह अल अस्र के बारे में जानिए

सूरह वल अस्र जम्हूर के नजदीक मक्की है इसमें 1 एक रूकुअ 3 तीन आयतें 14 चौदह कलिमें 68 अड़सठ अक्षर है।

अस्र जमाने को कहते हैं और ज़माना चूंकि अजाइबात पर आधारित है इसमें हालत का बदलाव उतार चढ़ाव देखने वाले के लिए सबक पकड़ने का कारण होता है।

यह चीजें हिकमत वाले खालिक की कुदरत और उसकी वहदानियत को परमानित करती है इसीलिए हो सकता है कि जमाने की कसम मुराद हो।

अस्र उस वक्त को भी कहते हैं जो सूर्यास्त से पहले होता है हो सकता है कि खसारे वाले के हक में उस वक्त की कसम याद फरमाई जाए।

जैसा कि राबेअ के हक में दुहा यानी चास्त की वक्त की कसम याद फरमाई थी और एक कौल यह भी है कि अस्र से अस्र की नमाज़ मुराद हो सकती है।

जो दिन की इबादतों में सबसे पिछली इबादत है और सबसे लज़ीज़ और बेहतर तफसीर वही है जो इमाम अहमद रज़ा रहमतुल्लाह अलैह ने इख्तियार फरमाई।

कि जमाने में मखसूस जमाना सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का मुराद है जो बड़ी खैरो बरकत का ज़माना और तमाम जमानों में सबसे बुजुर्गी वाला है।

अल्लाह तआला ने हुजूर की मुबारक जमाने कि कसम याद फरमाई जैसा की लाउक्सिमों बिहाजल वलद में हुजूर के मरकन और मकान की कसम याद फरमाई है।

और जैसा कि लउमरका में आपकी उम्र शरीफ की कसम याद फरमाई और इसमें शाने महबूबियत का इज़हार है। उसकी उम्र जो उसका रासुल माल है और असल पूंजी है वह हर दम घट रही है।

यानी ईमान और नेक कर्मों की उन तकलीफों और मशकतों पर जो दीन की राह में पेश आई ये लोग अल्लाह के फ़ज़ल से टोटे में नहीं है क्यूंकि उनकी जितनी उम्र गुजरी नेकी और ताअत में गुजरी तो वो नफा पाने वाले हैं।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही उम्दा सूरह यानी सूरह अस्र हिंदी में तिलावत की हमें यकीन है कि यहां पर आसानी से सूरह अस्र आप पढ़ कर याद भी कर ही लिए होंगे जिससे अपने दिल में आप कुरान पाक का हिस्सा समा लिए होंगे, अगर नहीं याद हुई हो तो एक से दो बार और पढ़ें।

अगर आपके मन में कुछ बात या फिर इस सूरह अस्र से जुड़ी कोई सवालात हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें ताकि हम आपके सवाल का जवाब हाज़िर कर सकें जिससे आप के इल्म में इज़ाफा हो जाए साथ ही इस पैग़ाम को अपने अहबाबोें तक पहुंचाएं।

ऐ अल्लाह यहां पर हम में से किसी को भी सूरह अस्र हिंदी में किसी तरह से पढ़ने या लिखने में एक आयत एक हर्फ या फिर एक नुक्ते में भी गलती हुई हो तो अपने रहमों करम से माफ़ अता फरमा और हम सभी को कुरान पाक सही से पढ़ने की तौफीक अता फरमा आमीन।

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