आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप बहुत ही उम्दा किस्म की सूरह पढ़ेंगे जिससे हम सब अपने लफ्ज़ में सूरह जुमा के नाम से जानते हैं आप इसी सूरह जुमा को हिंदी में पढ़ेंगे एक बात जो के बहुत ही सुकून देती है कि अल्लाह तआला ने हम सभों को ही कितनी हसीन तोहफ़ों से नवाज़ा है नमाज़ देकर अपने बन्दों को कुरान पाक भी दिया।
आज आप उसी कुरान पाक की एक बहुत रहमत व बरकत भरी सूरह यानी सूरह जुमा इन हिंदी में पढ़ेंगे आप यहां पर सूरह जुमा हिंदी में पढ़ने वाले हैं इसीलिए अपने जुबान से हर एक हर्फ पर सही से मखरज डाल कर पढ़ें जिससे कुरान पाक पढ़ने का आप को आदाब भी हासिल हो जाए और आप को भी सूरह जुमा इन हिंदी में पढ़ने का सवाब हासिल हो जाए।
सूरह का नाम | सूरह जुमा |
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पारा नंबर | 28 अठाईस |
सूरह नंबर | 62 बासठ |
आयत | 11 ग्यारह |
कलिमें | 180 एक सौ अस्सी |
हर्फ़ | 720 सात सौ बीस |
रुकूअ | 2 दो |
नाज़िल | मदीने में हुई |
Surah Juma In Hindi
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- युसब्बिहु लिल्लाही मा फिस्समावाति व मा फिलअर्जिल मलिकिल कुद्दुसिल अजीजिल हकीम
- हुव्वलजी ब अ स फिल उम्मिय्यि न रसुलम मिनहुम यत्लु अलैहिम आयातिही व यूजक्कीहिम व युअल्लिमुहुल किता ब वल हिक्म त व इन कानु मिन कब्लु लफी जलालीम मुबीनिंव
- व आ खरी न मिन्हुम लम्मा यल्हकु बिहिम व हुवल अजीजुल हकिम
- जालि क फज्लुल्लहि युअतीहि मंय्यशा उ वल्लाहु जुल फज्लिल अज़ीम
- म सलुल्लजी न हुम्मितुल तौरा त सुम म लम यहीमलुहा क म सलिल हिमारि यहिमलु अस्फारन बिअ स म सलुल कौमिल्लजी न कज्जबू बिआयातिल्लाहि वल्लाहु ला यहिदलकौमज जालिमिन
- कुल या अय्युहल लजी न हादु इन ज अम्तुम अन्नकुम औलिया उ लिल्लाही मिन दुनिन्नासि फ तमन्नवुल मौत इन कुन्तुम सादिकीन
- व ला य तमन्नौनहु अ बदम बिमा कद्द मत ऐदीहिम वल्लाहु अलीमुम बिज्जालिमिन
- कुल इन्नल मौतल्लजी तफिररू न मिन्हु फ इन्नहू मुलाकिकुम सुम म तुरददू न इला आलिमिल गैबि वश्शहा दति फयुनब्बिउकुम बिमा कुन्तूम तअलमुन
- या अय्युहल लजी न आमनु इजा नूदि य लिस्सलाति मिंय्यौमिल जुमू अति फसऔ इला जिक्रिल्लाही व जरूल बै अ जालिकुम खैरूल लकुम इन कुन्तुम तअलमुन
- फ इजा कुजि यतिस्सलातुम फन्तशिरू फिलअर्जी वब्तगु मिन फजलिल्लाहि वजकुरूल्ला ह कसीरल लअल्लकुम तुफ्लिहुन
- व इजा रऔ तिजा रतन औ लह व निन्फज्जु इलैहा व त रकू क काइमन कुल मा इन्दल्लाहि खैरूम मिनल्लाहि व मिनतिजारति वल्लाहु खैरूर राजिकीन
Surah Juma In English
- Bismillah Hirrahmaan Nirraheem
- Yusabbihoo Lillaahi Maafissamawaati Wa Maa Feel Arzil Malikeel Kuddusil Azeezil HaQeem
- Huwwalazi Ba A’Sa Feel Ummiyyi na Rasulam Minhum Yatlu Alaiheem Aayateehi Wa Yuzakkiheem wa Yualli-Muhumul Keeta Ba Wal Hiqmata Wa Ina Kaanu Meen Qablu Lafee Zalaleem Mubeeniw
- Wa Aa khRee N Minhum Lamma Yalhaqqu Biheem Wa Huwal Azizul Hakeem
- Zaali Ka Fazlullahi Yu’Atihee Mayyashaau Wallahu Zul Fazlil Azim
- Ma Salullazi na Hummilut Taura Ta Sum-ma Lam Yahimlooha Ka Ma Saleel Himari Yahimalu Asfaran Bi’as Masalul Kaumillazi na Kazzabu Biaayatillahi Wallahu La YahidalQaumaz Zaalimin
- Qul Ya Ayyuhal Lazi na Haadoo ina Za’amtum Annakum Auliya-u Lillahi Meen Duninnasi Fa Tamnnawul Mau ta ina Quntum Sadeeqin
- Wa Laa Ya Tamannaunahu A’badam Beema Qad Mat Aediheem Wallahu Alimum Bizalimin
- Qul innal Mautallazi Taafirru na Minhu Fa inhu Mulaaqiqum Sum-ma Turaddu-na ila Aalimil Gaybi Washshahaa datee Fayunabbiukum Bimaa Quntum Ta’Amlun
- Ya Ayyuhal Lazee na Aamanoo iza Nudee ya Lissalati Minyaumil Jumu Atee Fas’au ilaa Zikreellahi wa Zarul Bai’A Khairul Lakoom inaQuntum Ta’Almun
- Fa iza Quzee Yatissalaatum Fantashiru FeelArzee Wabtagu Meen Fazlillahi Wazqurulla Ha Qaseeral La’Allakum Tufleehun
- Wa izaa Ra’au Tiza Ratan Au Lahaw Ninfazu ilaihaa wa ta raku Ka Kaeeman Qul Maa Indallahi Khairum Minallahi wa Mintizarati Wallahu Khairur Razikeen.
आखिरी बात
आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही उम्दा सूरह यानी सूरह जुमा हिंदी में पढ़ा हमें उम्मीद है आप सूरह जुमा को अच्छे से पढ़ लिए होंगे और कुरान पाक पढ़ने की आदाब भी जाहिर किया होगा अगर अभी भी आप के मन मे कोई मसला या सवाल आ रहा हो तो आप कॉमेंट कर के हमसे पूछ सकते हैं।
अगर आप को यह पैगाम में इल्म हासिल हुई या सूरह जुमा को हिंदी लिखा पढ़ने में आसानी रहा हो तो दूसरों को भी पढ़ने का तरकीब बताएं और उन्हें इस सूरह जुमा को पढ़ने के लिए बोलें ताकि हम सब अपने रब के नेक बन्दे बन सकें साथ ही उन तक इस पैगाम को भी पहुंचाएं।
ऐ अल्लाह अगर यहां पर हम में से किसी को भी सूरह जुमा को हिंदी में पढ़ने में एक आयत एक हर्फ या एक नुक्ता का भी गलत हुआ हो तो अपने रहमों करम से हम सभी को माफ अता फरमा और कुरान पाक की हर्फ को ठीक से पढ़ने लिखने की तौफीक व रहमत फरमा आमीन।
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