Tahajjud Ki Namaz Me Kitni Rakat Hoti Hai – तहज्जुद की नमाज़ की रकात जानिए

आज के इस खूबसूरत पैगाम के माध्यम से आप तहज्जुद की नमाज़ की रकात जानेंगे, हम सभी मजहब ए इस्लाम अपने रब अल्लाह तबारक व तआला के फरमान के मुताबिक जिंदगी बसर करने वाले हैं।

आज आप यहां पर जानेंगे कि आखिर इस रहमत व बरकत भरी तहज्जुद की नमाज़ में कितनी रकात होती है, हम सभी का रब का तहज्जुद की नमाज़ की रकात पे क्या फरमान है, इन सभी सवालों का जवाब यहां पर आप जानेंगे।

Tahajjud Ki Namaz Me Kitni Rakat Hoti Hai

तहज्जुद की नमाज़ में 2 रकात होती है आप 2 – 2 रकात करके चाहें तो 2 से 8 रकात पढ़ सकते हैं चूंकि यह एक खैरो बरकत हाजत पुरी करने के लिए पढ़ी जाती है।

तहज्जुद की नमाज़ आप 2 रकात जरूर पढ़ें और अगर ज्यादा पढ़ना चाहें तो 8 रकात तहज्जुद की नमाज़ अदा करें तहज्जुद की नमाज़ के लिए दुरूस्त रकात 2 से 8 ही है।

तहज्जुद की नमाज़ की रकात पर हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से आठ रकात तक साबित है यानी 2 – 2 रकात करके 4 सलाम में पूरी 8 रकात तहज्जुद की नमाज़ अदा करना चाहिए।

तहज्जुद की नमाज़ की रकात से जुड़ी एक हदीस

नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो शख्स रात में बेदार हो और अपने अहल को जगाए फिर दोनों 2 – 2 रकात‌ पढ़े तो कसरत से यादे खुदा करने वालों में लिखे जाएंगे।

इस हदीस को नसई व इब्ने माजा अपनी सुनन में और इब्ने हब्बान अपनी सही में और हकिम ने मुस्तदरक में रिवायत किया है और मुनजिरी ने कहा कि यह हदीस शैखैन की शर्त पर बहुत ही सही है। – रद्दुल मुहतार।

तहज्जुद की नमाज़ सुन्नत है या नफील?

सबसे पहले आपको बताते चलें कि तहज्जुद की नमाज़ एक तरह का नफील नमाज़ है लेकीन इसका मरतबा, आला, शान बाकी नफील नमाज़ों से कहीं ज्यादा है।

यह एक नफील नमाज़ है और यही वजह भी है कि तहज्जुद की नमाज़ की रकात फिक्स नहीं है क्योंकि हम सब पर सिर्फ़ पंज वक्ता नमाज़ और जुम्मे की नमाज़ ही फर्ज़ है नफील नमाज हम सब रब की रज़ा के लिए अदा करते हैं।

तहज्जुद की नमाज़ कितने बजे पढ़ना चाहिए?

आज आप सब की यह डाउट खत्म हो जाएगा कि तहज्जुद की नमाज़ का सही वक्त यानी तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने का सही के साथ बेहतर वक्त कौन सा है तो आपको बता देना चाहता हूं कि तहज्जुद की नमाज़ आप मध्य रात्री में अदा करें।

एक मसाइल के मुताबिक़ जो शख़्स दो तिहाई रात सोता हो तो उसे और एक तिहाई रात इबादत करना चाहे तो उसे अफ़ज़ल ये है कि पहली और पिछली तिहाई में सोए और बीच की तिहाई में इबादत करे यही अफजल है।

आप कुछ इस तरह से समझें कि अगर आपको रात में 10 बजे से सुबह सादिक के 4 बजे तक सोना हो तो आप कुल 6 घण्टे नींद में गुजार रहे हैं तो बेहतर वक्त आपके लिए रात के 12 बजे से लेकर 2 बजे रात के पहले तक होगा।

FAQs

तहज्जुद की नमाज़ का वक्त कब से शुरू होता है?

तहज्जुद की नमाज़ का वक्त मध्य रात्री यानी 12 बजे से शुरू होता है यही अफजल है।

तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने से क्या फायदा होता है?

तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने से दुआ की कुबुलियत और हाजत खैरो बरकत होती है इसकी फजीलत बहुत है।

तहज्जुद में रकातों की अधिकतम संख्या कितनी है?

तहज्जुद में रकातों की अधिकतम संख्या 8 बताई गई है लेकीन आप चाहें तो तहज्जुद की नमाज़ 12 रकात भी पढ़ सकते हैं।

आख़िरी बात

आपने यहां पर तहज्जुद की नमाज़ की रकात को बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में समझा इसे पढ़ने के बाद यकीनन अब आप तहज्जुद की नमाज़ की रकात से जुड़ी सभी तरह के डाउट से निजात पा लिए होंगे अगर अब भी आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।

हम आपके सभी सवालों का जवाब जल्द प्रोवाइड करने की कोशिश करेंगे, जिसे आपके सभी उत्तर मिल जाए यह एक बहुत ही मशहूर फजीलत भरी नमाज़ है जिसे सब आशिक ए रसूल अक्सर अपनी ख्वाहिश पूरी करने के लिए पढ़ते हैं और सभी के ख्वाहिशात अक्सर पूरी होती भी है।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से जो कुछ भी आपको हासिल हुई ह उसे अपने अहलो आयाल को जरूर बताएं साथ ही साथ इस पैग़ाम को सोशल नेटवर्क के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा फैलाएं, और एक जरूरी बात अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

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