Sone Ki Dua In Hindi – सोने से पहले पढ़ी जाने वाली दुआ

आप इस पैग़ाम में जानेंगे कि सोने से पहले कौन सी दुआ पढ़ना चाहिए कितनी खुशी और खुशकिस्मत की बात है कि इस्लाम में सभी चीजों को सुन्नत व सही तरीके से करने का तरीक़ा बताया गया है जिसे हम सब राहत और सुकून में हैं।

आज आप बहुत ही बरकत रहमत साथ ही सुरक्षात्मक दुआ को जानेंगे जिसे हम सभी को सोने से पहले हर दिन जरूर पढ़ना ही चाहिए इसकी विशेषता से हम सब अपने रब अल्लाह त आला का दिया हुआ रहमत हासिल कर सकेंगे।

हमारा रब का कितना बड़ा करम व एहसान है कि अपने बन्दों की खातिर हर तरह की वजाइफ और नेमत दी नींद अल्लाह की नेअमतों में से एक नेमत है सोने से जिस्म को राहत मिलती है तो इसीलिए हर रात अपने रब का शुक्रिया और यह दुआ पढ़ कर सोना चाहिए।

Sone Ki Dua In Hindi

अल्लाहुम्मा बि इसमिका अमूतु व अहया

Sone Ki Dua In English

Allahumma Be'ismika Amutoo W'Ahya

Sone Ki Dua Ka Tarjuma

ऐ अल्लाह मैं तेरे ही नाम के साथ मरता यानी सोता हूं और तेरे ही नाम के साथ जिन्दा यानी उठता हूं।

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सोने की दुआ पढ़ने का सही तरीका

  • जब भी सोने के लिए बेड पर जाएं तो बिस्मिलाह शरीफ़ पढ़ कर दाहिना कदम रखें।
  • इसके बाद कुरआन पाक की तीनो कुल यानी सुरह इख्लास, सुरए फलक व सुरए नास पढ़ें।
  • आप जरूर हर रात अपने बिस्तर पर आयतुल कुर्सी पढ़ कर सोए इसकी फजीलत बेशुमार है।
  • फिर दाहिने करवट कर के सोए और इस वक्त अपना दायां हाथ रुखसार यानी गाल पर रख कर दुआ पढ़ें।

सोने का मसनून तरीका

  • हुजूरे अकरम सलल्ललाहु अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि जो वजु सोए अगर उसी रात इंतकाल हो जाए तो उसे शहादत का दर्जा अता होगा।
  • एक हदीस पक की मुताबिक जो मुसलमान सोते वक्त आयतुल कुर्सी पढ़ ले तो वह खुद और उनके पड़ोसी अमनो अमान में रहेंगे।
  • अगर कोई शख्स सोने से पहले तीनों कुल शरीफ़ यानी सुरह इख्लास, सुरए फलक व सुरए नास पढ़ ले तो इससे इन्सान शैतान के शर से महफूज़ रहता है।
  • अच्छे घरों में रहमत यानी मेहमानों का आना जाना लगा रहता है ऐसे में उनके लिए अलग बिस्तर का इंतजाम रखना चाहिए।

सोने का आदाब

  1. जब भी आप सोने जाएं उसे कब्ल अपने बिस्तर को सही तरीक़े से झाड़ लें।
  2. जब सोने लगें तो इस तरह से लेटे की दाहिनी करवट से दाहिने हाथ को रुखसार नीचे रखें।
  3. इसके बाद आपका जी चाहे तो करवट बदल लें लेकिन कभी भी पेट के बल सोने से ख़ुद को बचाएं।
  4. इस बात पर गौर फरमाएं की आपकी सोने का जगह या बेड का जानिब पूर्व व पश्चिम हो माथा पश्चिम की ओर करें।
  5. बिला चार दिवारी यानी ऐसा मकान जिसकी छत पर परदे के लिए चार दिवारी न हो उस पर सोने से परहेज़ करना है।
  6. सोते वक्त इस बात का ज़रूर खयाल रखें कि टांग पर टांग न टिकी हो इससे बचें बल्कि दोनों पैर सीधा रखना चाहिए।

सोने का सही तरीका

  • आपको चाहिए कि नींद न कम लें और नाही ज्यादा लें दिन व रात के तीन हिस्से में से एक हिस्से का नींद में गुजारें।
  • आप कम से कम पूरा मिला कर आठ 8 घण्टे की नींद लें अगर दिन में सोए तो दो 2 घंटा सोए बाकी रात में सोए।
  • अपने बिस्तर को ज्यादा आरामदायक न बनाएं बल्की माध्यम रखें जिसे आप ज्यादा अपने बिस्तर पर वक्त न गुजारें।
  • अपने आप को पेट के बल सोने से बचाएं इससे खाना सही से हज़म नहीं होता साथ ही इसका नुकसानात बहुत है।
  • हमेशा जल्दी सोने की आदत डालना चाहिए इससे नींद भी पुरी होती है और काम करने में एनर्जेटिक फिल होता है।
  • अपने सर को ज्यादा ऊंचा तकिया पर ना रखें ऐसे में मेरूदंड के कारण पेट की जानिब झुकने की आशंका होती है ऐसे हानिकारक तरीके से खुद को बचाएं।

सोने से पहले किए जाने वाले आमाल

1. सोने से पहले वुजू कर लें इसके बाद सोएं वैसे ईशा की नमाज़ से पहले तो सोना ही नहीं चाहिए, क्योंकि ईशा क़ाजा हो जाएगी।

2. इसके बाद सोने से पहले आप अपने दरों दीवार की सभी तरह के खिड़की दरवाज़े को बिस्मिलाह शरीफ़ पढ़ कर बंद कर लें।

3. सोने से पहले अपने घर के सभी चिराग़ व प्रकाश करने वाली चीजों को बुझा लें अगर किसी खतरे का डर न हो तो रहने दें।

4. लेकिन कोई भी बल्ब या चिराग जो बेवजह खपत करता हो उसे जरूर बंद कर लें फिजूलखर्ची से हमेशा हमें बचना चाहिए।

5. अगर आप के घर या आस पास कोई आग जल रही हो तो उसे भी बुझा देना चाहिए न बुझाने से नुकसान भी हो सकता है।

6. सोने से पहले खुदा का जिक्र व शुक्र करें, अक्सर लेटने पर तुरंत नींद नहीं आती है ऐसे में आप जिक्रे इलाही में मशगूल रहें।

आखिरी बात

आपने यहां पर बहुत ही जरूरी और रहमत भरी सोने से पहले की दुआ जाना साथ ही आपने सोने का मसनून और सही तरीका भी जाना हमें उम्मीद है आप इसे समझ गए होंगे और अमल भी करेंगे।

आपको तो शुरूआत में यह थोड़ा कठिन लगेगा लेकिन एक समय के बाद यह आपकी आदत बन जाएगी और यही आदत आपकी एक दिन आपको जनत्तुल फिरदौस में लेकर जाएगी इंशाअल्लाह ज़रूर।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने अजीजो अकारिब सभी मोमिन तक पहुंचाएं और सवाबे दारैन हासिल करें साठ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी ज़रूर याद रखें पढ़ने के लिए शुक्रिया ज़रूर से ज़रूर अमल करें।

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