Tayammum Karne Ka Tarika – तयम्मुम करने का तरीका

किसी वजह से हम मोमिनों को अगर अपने आस पास या नजदीक में वजू या गुस्ल के लिए पानी मौजूद ना हो तो ऐसे हालत में हम सभी मोमिन के लिए तयम्मुम से नवाजा गया है, आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ सही और जरूरी पैगाम देने वाले हैं अगर आप भी तयम्मुम से जुड़ी जानकारी ढूंढ रहे हैं तो बिल्कुल आप सही जगह तशरीफ लाए हैं।

इस आर्टिकल में हम वो सभी जानकारी दी है जिसकी जरुरत आपको तयम्मुम करने के लिए पड़ती है, अगर आप तयम्मुम से ताल्लुक रखने वाले सभी जानकारी जानना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को ध्यान से और आखिर तक जरूर पढ़े इसे पढ़ने के बाद आप तयम्मुम से जुड़ी सभी सही और जरूरत की बातें जान पाएंगे।

Tayammum Karne Ka Tarika

  1. बिस्मिल्लाह पढ़कर नियत करना
  2. पाक मिट्टी पर हाथ मारना
  3. कुहनियों को मलना

बिस्मिल्लाह पढ़कर नियत करना

तयम्मुम का तरीका यह है कि बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पढ़कर पहले दिल में तयम्मुम की नियत करें और जबान से यह भी कहें नापाकी दूर करने के लिए या नमाज पढ़ने के लिए तयम्मुम करता हूं।

पाक मिट्टी पर हाथ मारना

नियत करने के बाद आपको पाक मिट्टी पर हाथ मारना होता है फिर हाथ को सही तरीके से झाड़ कर पूरे चेहरे पर मलना है जितना हिस्सा वजू में धोया जाता है।

कुहनियों को मलना

फिर से मिट्टी पर दोनों हाथ मार कर एक दूसरे हाथों से कुहनियो तक मले और सभी उंगलियों के बीच हाथ फिराए, किसी भी हिस्से में बाल के बराबर भी नहीं छूटना चाहिए इस बात का जरूर ध्यान रखें।

एक बात का और ध्यान रखें कि नथ या बुलाक पहना हो तो इसे हटा कर तयम्मुम करें, अगर हाथ में चूड़ियां या कोई जेवर या फिर घड़ी पहने हुए हैं तो उसे हटाकर इसके नीचे की सभी हिस्से यानी खाल पर हाथ फिराए।

तयम्मुम किन चीजों पर किया जा सकता है

ऐसी चीज जो आग से जलकर ना राख होती है ना पिघलती है और ना ही नरम होती है ऐसी चीजों से तयम्मुम जायज है जो जमीन का जिन्स यानी वस्तु हो जैसे:-

  • रेत
  • मिट्टी
  • पत्थर
  • मुर्दासंग
  • गेरू मिट्टी
  • पक्की ईंट
  • मिट्टी का दीवार
  • मिट्टी का बर्तन
  • शोरा पानी में भीगने से पहले

इन सभी प्रकार की जमीन की किस्म से तयम्मुम जायज है, लेकिन इतना जरूर ध्यान रखें कि सभी चीजें पाक हो, यानी किसी भी तरह की नजासत का असर ना हो, यदि किसी चीज पर नजासत लगी भी हो और फिर बाद में सुख भी जाएगा तो वहां से आप तयम्मुम नहीं कर सकते हालांकि ऐसी जगह पर नमाज जायज है।

तयम्मुम में फर्ज

तयम्मुम में तीन चीजें फर्ज है, जिनके बगैर तयम्मुम नहीं हो सकता:-

  1. तयम्मुम की नीयत
  2. चेहरे पर हाथ फिराना
  3. कोहनियों समेत दोनों हाथों पर हाथ फिराना

अगर किसी ने हाथ मिट्टी पर मार कर मुंह तथा हाथों पर फेर लिया लेकिन नीयत न की हो तो तयम्मुम नहीं होगा, फिर सारे मुंह पर इस तरह से हांथ फेरे की तयम्मुम की कोई जगह या हिस्सा बाकी न रह जाए जहां तक वजू में हिस्से को धोना चाहिए वहां तक धोए नहीं तो तयम्मुम नहीं होगी, इसमें भी ध्यान रहे कि दोनों हाथों को जर्रा बराबर भी कोई जगह बाकी न रहे नहीं तो तयम्मुम नहीं होगा।

तयम्मुम में सुन्नत

दस चीजें तयम्मुम में सुन्नत है, जो निम्नलिखित है:-

  1. बिस्मिल्लाह पढ़ना
  2. हाथों को जमीन पर मारना
  3. अगर हाथों में गुबार ज्यादा लग गया तो उसे झाड़ना
  4. जमीन पर हाथ मार कर हाथ को लौटा देना
  5. पहले मुंह पर हाथ मारना
  6. फिर हाथों पर हाथ फिराना
  7. चेहरा तथा हाथों पर लगातार हाथ फिराना
  8. पहले दाएं फिर बाएं हाथ पर हाथ फिर आना
  9. उंगलियों से दाढ़ी का खिलाल करना
  10. उंगलियों का खिलाल करना जब इनमें गुबार भर गया हो

तयम्मुम टूटने की वजह

यदि पानी की किल्लत के कारण या फिर अपने आसपास नहीं पानी होने पर तयम्मुम किया तो लेकिन फिर पानी मिल जाता है तो तयम्मुम चला जाएगा।

अगर कोई भी गूस्ल का तयम्मुम किया जब वह बीमार या किसी भी प्रकार की परेशानी में था, लेकिन अब वह तंदुरुस्त हो गया तो ऐसी हालत में तयम्मुम टूट जाएगा।

अगर किसी ने गुस्ल और वजू दोनों के लिए तयम्मुम किया, फिर उसे सिर्फ वजू के लिए पानी मिला तो ऐसे में सिर्फ वजू जाएगा गुस्ल नहीं, वजू तोड़ने वाली सभी चीजों से भी तयम्मुम जाता है।

आपको वजू या गुस्ल करना है लेकिन आप कुएं या पानी के नजदीक से गुजरते हैं तो आपको यह बात याद नहीं रहती, ऐसे में भी तयम्मुम चली जाती है।

तयम्मुम कब नहीं टूटता

जब आप तयम्मुम किए लेकीन आगे चलकर या नजदीक में आपको पानी मिल गया, लेकिन यहां पहुंचने से आपको किसी भी प्रकार का खतरा है तो आपका तयम्मुम नहीं जाएगा।

आपके करीब में पानी है लेकीन आप किसी भी प्रकार के सफर में हैं जैसे रेल गाड़ी या घोड़ा के सफर में ट्रेन रुकने से भी नहीं रुकेगा और घोड़ा उतरने नहीं देगा ऐसे में भी तयम्मुम नहीं जाता है।

जब आप बहुत कमजोर या अस्वस्थ महसूस करते हैं ऐसे हालत में आपके करीब या आसपास में पानी है लेकिन वहां पर आप जाने के काबिल नहीं या फिर वहां जाने में आपको असहज महसूस हो तो ऐसे हालत में भी तयम्मुम नहीं जाता।

अगर आपके करीब या नजर में है लेकिन वहां से पानी निकलने का कोई भी जरिया या सुविधा मौजूद नहीं है लेकिन आप को वजू या गुस्ल करना है तो ऐसे में भी तयम्मुम नहीं जाती है।

तयम्मुम की शर्तें

ऐसी वजह और तरीका जिनका तयम्मुम करना जरुरी है तयम्मुम के लिए निम्नलिखित शर्ते जरुरी है:-

  • तयम्मुम करने का का कोई भी कारण होना
  • तयम्मुम की चीजों का पाक और साफ होना
  • अपने हाथ या हाथ की तीन उंगली से करना
  • तयम्मुम के हिस्से में सही तरीके से हाथ फेरना
  • अपने हाथ जमीन पर हथेलियों की ओर से मारना
  • तयम्मुम की चीजों में किसी भी तरह का नेजासत न होना
  • तयम्मुम की चीजों पर तेल, मोम चर्बी जैसी चीज़ का न लगना

तयम्मुम से जुडी कुछ जरुरी बातें

  • तयम्मुम राख से जायज़ नहीं है, इसका जरूर ध्यान रखें।
  • जिस जगह से एक शख्स ने तयम्मुम किया उसी जगह से दूसरा भी तयम्मुम कर सकता है।
  • तयम्मुम मस्जिद की दिवार या जमीं से नजायज नहीं बल्कि दीवार व जमीं पर बिला कराहत जायज है।
  • अगर आपको लगता है कि नमाज के लिए वजू करने से देर हो जाएगी तो ऐसे में तयम्मुम करके नमाज अदा कर सकते हैं।
  • अगर आपको लगता है कि पानी से आपके शरीर को नुकसान पहुंचेगा तो ऐसे हालत में तयम्मुम से नमाज अदा कर सकते हैं।

आखिरी बात

हमने आपको इसमें तयम्मुम से जुड़ी सभी पैगाम को लिखकर जनकारी दी है, हमारा कोशिश अव्वल से आखिर तक यह रहा है कि अपने सभी मोमिनों को अपनी मजहब यानी इस्लाम की बातें सही तरीके के साथ साथ सरल भाषा और वाक्य में दें, हम आपसे उम्मीद करते हैं कि यह पैगाम आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ होगा, अगर यह पैगाम आपको सही लगा है तो इसे अपने मोमिनों तक जरुर पहुंचाएं, हमारा रब इल्म – ए – दीन फैलाने वाले बन्दों को बहुत पसंद करता है।

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