आज यहां आप एक बहुत ही ख़ास किस्म की सुन्नत भरी इल्म यानी गुस्ल की सुन्नत जानेंगे हमने यहां पर गुस्ल की सुन्नतें बहुत ही साफ़ और आसान तरीके से बताया है।
जिसे पढ़ने के बाद आप भी आसानी से गुस्ल की सुन्नत जान जाएंगे और गुस्ल करने में आपको मदद मिलेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पढ़ें।
अगर आप पूरे पैग़ाम को ध्यान से पढ़ेंगे तो यकीनन फिर कहीं पर आप को गुस्ल की सुन्नत तलाशनी नहीं पड़ेगी इसमें आप अच्छे से आसानी से समझ जाएंगे।
Ghusl Ki Sunnatain – गुस्ल की सुन्नतें
- गुस्ल की नियत करना
- हाथों को गट्टों तक तीन बार धोना
- पेशाब पखाने की जगह को धोना
- बदन पर लगी नजासत को धोना
- फिर नमाज़ की तरह वजू करना
- वजू में पांव धोना जरूरी नहीं
- फिर पुरे बदन पर पानी मलना
- फिर तीन बार बाएं मोड़े पर पानी बहाना
- इसके बाद बाएं मोड़े पर भी तीन बार
- फिर सर से पुरे बदन पर तीन बार पानी बहाना
- फिर अलग हो कर पांव धोना
- नहाने में क़िब्ला रूख न होना
- तमाम बदन पर हाथ फेरना
- फिर पुरे बदन को मलना
- नाफ से घुटनों तक छिपाना
- गुस्ल में किसी से बात न करना
- पर्दे में हो कर गुस्ल करना
- गुस्ल में कोई दुआ नहीं पढ़ना
- औरतों को बैठ कर नहाना
- फिर तुरंत कपड़े पहनना
गुस्ल की सुन्नत कितनी है?
यहां पर बहारे शरीयत के मुताबिक 18 गुस्ल की सुन्नत है सबसे पहला सुन्नत नियत करना है लेकिन बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ना नहीं भुलें।
इसके बाद दुसरी सुन्नत दोनों हाथों को गट्टों तक तीन तीन बार अच्छे से धोएं फिर अगर नजासत लगी हो तो भी और ना लगी हो तो भी पेशाब पखाने की जगह को धोएं।
बदन पर लगी नजासत को धोना
अब अगर बदन पर नजासत लगी हो तो उसे दूर करके उस जगह पर अच्छे से पानी मल कर धोना और कम से कम तीन बार धोना चाहिए।
फिर नमाज़ की तरह वजू करना
यहां पर वजू करना मतलब अपने नाक अच्छे से साफ़ करना कुल्ली सही से करना सब वजू की तरह ही करें लेकिन पांव धोना जरूरी नहीं।
फिर पुरे बदन पर पानी मलना
यहां पर पूरे बदन पर पानी को तेल की तरह चुपड़ लें ऐसा हरगिज़ न करें की उपर ही उपर पानी गिरा कर पार कर दें इसे सुन्नत अदा नहीं होगा।
फिर मोढों पर पानी गिराना
यहां पर दोनों कंधों पर तीन तीन बार पानी गिराने को कहा जा रहा है यह भी गुस्ल की सुन्नत है इसके बाद पूरे बदन पर तीन बार पानी बहाएं।
फिर अलग हो कर पांव धोना
यहां पर अलग हो कर पांव धोने का तात्पर्य यह है कि जिस जगह आप गुस्ल कर रहे हैं वहां से अलग हट कर अपने पावों को अच्छे से धो लें।
नहाने में क़िब्ला रूख न होना
नहाने में क़िब्ला रूख यानी आपका पूरे शरीर का डायरेक्शन दिशा काबा की ओर नहीं होनी चाहिए जी हां बिल्कुल इसका ख्याल रखें।
फिर हांथ फेर कर मलना
शरीर के पूरे भाग पहले हाथों को अच्छे से सभी अंगों तक फेर लें इसके बाद पानी के ज़रिए पहले अपने हाथों से अच्छे से मलें पूरे बदन को।
मुख्य अंगों को छिपाना
यहां पर पुरुष को अपने नाफ से लेकर घुटनों तक छिपाना होता है और औरत को अपने सीने से लेकर घुटने तक पर्दे में गुस्ल कर रहे हैं तो कोई हर्ज नहीं।
गुस्ल में किसी से बात न करना
गुस्ल करते समय फालतू की बातों से परहेज़ करना चाहिए नहीं तो सुन्नत की सवाब कम हो जाएगी और हां गुस्ल में दुआ भी नहीं पढ़ना होता है।
गुस्ल की सुन्नत व हिदायत
आप ऐसे जगह पर गुस्ल हरगिज़ न करें जहां पर लोग आसानी से देख लें भले ही क्यों न आप पर्दे में गुसल कर रहे हैं यह औरत और मर्द दोनों के लिए है अगर जहां पर लोग आसानी से नहीं फिर भी दिखने की मकाम हो तो पर्दा लाज़मी है और बाथरूम वगैरा या फिर ऐसा जगह जो पुरी तरह बंद हो ऐसे जगहों पर आप बदन खुला कर के भी यानी शरीर पर बगैर कपड़े के भी नहा सकते हैं।
इस बात का भी ख्याल रखें ख़ास कर औरतें की बैठ कर गुस्ल मुकम्मल करें जब गुस्ल मुकम्मल हो जाए यानी जब आप नहा लें तो तौलियां या किसी भी कपड़े के मदद से पूरे बदन की पानी को पोंछ लें फिर ज्यादा देर तक उघारे बदन ना रहें और औरतें तो बिल्कुल भी ना रहें कपड़े को अपने बदन पर जितनी जल्दी डालेंगे उतनी ही बेहतर होगी इन छोटी छोटी बातों का जरूर ख्याल रखें।
आख़िरी बात
आपने इस पैग़ाम में बहुत ही ज़रूरी जानकारी हासिल की जिस में आपने गुस्ल की सुन्नतें समझी साथ ही साथ एहतियात भी समझी जो बहुत जरूरी है हमने तो यहां पर सभी बातों को साफ़ और आसान तरीके से लिख कर समझाने की कोशिश की थी जिसे आप आसानी से समझ जाएं।
अगर अभी भी आपके मन में गुस्ल की सुन्नत से जुड़ी सवालात या कन्फ्यूजन हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे साथ ही ऐसी बातों को जिन्हें जरूरत हो उन्हें जरूर बताएं और सोशल मीडिया के ज़रिए खूब फैलाएं।