Kapde Pehenne Ki Dua In Hindi – नया कपड़ा पहनने की दुआ

आज के इस पैग़ाम में आप बहुत ही खुबसूरत दुआ यानी कपड़ा पहनने की दुआ हिंदी में जानेंगे हमने यहां पर बहुत ही आसान लफ्ज़ों में लिखा है जिससे आप आसानी से पढ़ कर एक ही बार में याद भी कर लेंगे।

हम सब को कपड़ा यानी लिबास पहनना हर नजरिए से बहुत ही ज़रूरी है लिबास कुदरत का बेहतरीन इनाम है जिससे इन्सान अपना जिस्म ढांकता है तो इस इनाम के लिए तोहफ़ा के रूप में दुआ भी पढ़ना चाहिए।

जिससे हमने कपड़ा पहनने की दुआ नीचे बताया है साथ ही हम ने यहां पर लिबास पहनने की आदाब सुन्नत के साथ साथ कपड़ा पहनने से जुड़ी हदीस भी बयां कि है इसी लिए आप इस पैग़ाम को आख़िर तक पढ़ें।

Kapde Pehenne Ki Dua In Hindi

अलहम्दु लिल्लाहिल लजी कसानी माओवारी बिही औरती व अत जम्मलू बिही फी हयाती

हम सब के प्यारे नबी रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम का फरमाने आलीशान है कि जो नया कपड़ा पहने तो इस दुआ को पढ़े।

Kapde Pehenne Ki Dua In English

Alhamdu Lillahil Lazi Kasaani Maaowaari Bihee Aurati Wa At Jammalu Bihee Fi Hayaati.

Kapde Pehenne Ki Dua Ka Tarjuma

सब तारिफे उस अल्लाह के लिए है जिसने मुझको कपड़ा पहनाया जिससे मैं अपनी शर्मगाह को छुपाता हूं और अपनी जिंदगी में इससे खूबसूरती हासील करता हूं।

Kapde Pehenne Ki Sunnat Tarika

कपड़ा सीधी तरफ़ से पहनना चाहिए यह हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की सुन्नत है नबी ए अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का यही तरीका था।

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम जब कमीज या कुर्ता पहनते तो दाहिने हाथ में पहले डालतें इसी तरह जब‌ सलवार या पजामा पहने तो पहले दाहिने पैर में डालें।

फिर बाएं पैर में डालें कमीज या सलवार उतारते वक्त उल्टा यानी बाएं तरफ से उतारना शुरू करें फिर दाएं तरफ का उतारें यही सुन्नत तरीका है।

कपड़ा पहनने से पहले झाड़ना भी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का सुन्नत है आप हमेशा जिस किसी भी कपड़े को पहनते तो झाड़ लेते।

सलवार पैंट या तहबंद यानी लुंगी को टखनों के उपर ही रखना चाहिए क्योंकि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने भी ऐसा ही किया है।

नया कपड़ा पहनने का आदाब

नया कपड़ा यानी लिबास पहनते वक्त अल्लाह की तारीफ बयां करनी चाहिए और उसका शुक्र अदा करना चाहिए और नया कपड़ा पहनने की दुआ पढ़ना चाहिए।

कपड़ा पहनते वक्त की दुआ एक तरह की अल्लाह से तौफिक मांगने कि इल्तिज़ा है कि‌ ऐ अल्लाह तू मुझे तौफिक दे इस लिबास को पहनकर तेरी इबादत करूं।

इसी लिए हम सब मोमिनों को भी दुआ के साथ साथ इसी नियत से कपड़ा पहनना चाहिए जिससे सवाब भी हासिल हो जाय और रब भी राज़ी हो जाए।

कपड़े पहनने से जुड़ी ख़ास हदीस

हज़रत अबु हुरैरा रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है रसुले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि लिबास पहनते वक्त या वुजू करते वक्त दाएं जानिब से शुरू करो।

हज़रत इब्ने उमर रजियल्लाहु अन्हुमा से रिवायत है रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जिसने दुनिया में शोहरत हासिल करने के लिए लिबास पहना तो कयामत के रोज अल्लाह तआला उसे जिल्लत का लिबास पहनाएगा।

इस्लाम में कैसा कपड़ा पहनना चाहिए?

सबसे पहले अगर रंग की बात कि जाए तो ज्यादा सफेद लिबास पहनना चाहिए यह हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का पसंदीदा रंग है।

इसके अलावा उसके बाद हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम का सबसे पसंदीदा रंग हरा है इस रंग का कपड़ा बुजुर्गी और रूहानियत कि निशानी है।

लेकिन ऐसा नहीं कि अन्य दुसरा रंग का नहीं पहनना चाहिए वो भी पहनना चाहिए लेकिन सफेद लिबास पहनना मुफ्त नेकी है ज़रूर हासिल करें।

औरतों को रेशमी लिबास पहनना चाहिए इसी लिये तो हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हुक्म दिया कि उसे दुपट्टा बना कर सर ढक लो।

इस्लाम ने लिबास के इस्तेमाल में एक बड़ा अहम उसुल और अदब ये सिखाया है कि लिबास दो हिस्सों में पहनो उपर के लिए अलग और नीचे के लिए अलग।

इस्लाम में कैसा कपड़ा नहीं पहनना चाहिए?

सबसे पहले पुरूषों को रेशमी लिबास यानी कपड़ा पहनना मना है क्योंकि रेशम पहनने से रौनक व जिन्नत का इजहार होगा इसे परहेज करें।

कुछ कपड़े किसी खास गुनवत्ता या उच्च मुल्य के कारण बहुत ही मशहूर हो जाती है ऐसा कपड़ा को शोहरत का जरिया या किमती समझ कर पहनना नहीं चाहिए।

आजकल कुछ लोग खुद कि तस्वीर किसी लिबास‌‌ पर छपवा‌ कर पहनते हैं ऐसा पहनना हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला‌ अलैहि वसल्लम ने मना फ़रमाया है।

किसी भी लिबास पर अगर जानदार चीज की तस्वीर बनी है तो उसे भी नहीं पहनना चाहिए इससे भी परहेज करें साथ में कपड़ा बनाने वाले भी इसका ख्याल रखें।

औरत कभी भी इतना बारिक कपड़ा न पहने जिसके बावजूद भी जिस्म का अंग नजर आए बारिक लिबास यह शरीयत के खिलाफ है।

FAQs

कपड़े पहनने में दुआ क्या है?

कपड़े पहनने में अलहम्दु लिल्लाहिल लजी कसानी माओवारी बिही औरती व अत जम्मलू बिही फी हयाती दुआ है।

कपड़े कौन से दिन पहनना चाहिए?

नए कपड़े पहनने के लिए सबसे ख़ास और बेहतर दिन जुम्मा का दिन है।

नए कपड़े कब नहीं पहनना चाहिए?

नए कपड़े को सबसे पहले शनिवार, रविवार और मंगलवार को नहीं पहनना चाहिए।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में कपड़ा या नया कपड़ा को पहनने की दुआ बहुत ही आसान लफ्ज़ में पढ़ा और समझा साथ ही आप ने इस पैग़ाम में लिबास से जुड़ी बहुत सारी अच्छी जानकारी हासिल किया यकीनन आप इससे पढ़ने के बाद दुआ और सब बात भी समझ भी गए होंगे।

अगर अभी भी आपके जहन में लिबास की दुआ और सुन्नत से जुड़ी कुछ सवालात उत्पन हो रही हो तो आप हमसे कॉमेंट कर के ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर पेश करेंगे क्योंकी मेरा मकसद शुरू से ही यही रहा है कि पुरा इल्म हासिल आसानी से कराएं और आप जान जाएं।

आप इस पैग़ाम से जो कुछ भी सीखा हो तो अपने अहबबों को भी ज़रूर बताएं इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं जिससे सब अपने रब के फ़रमान के मुताबिक़ जिन्दगी को गुजार कर नेकी हासिल करें और साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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