आज आप यहां पर 3 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही आसानी से जानेंगे, हमने इस पैग़ाम में 3 रकात फर्ज नमाज अदा करने का दुरूस्त तरीका बताया है जिसे आप 3 रकात फर्ज नमाज अदा करना सीख जाएंगे।
हमने यहां पर 3 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही तरीका के साथ साथ आखिर में 3 रकात फर्ज नमाज की नियत भी बताई है अगर आप वो भी जानना चाहते हैं, तो आप इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika
सबसे पहले आप को इस बात से भी रूबरू कराते चलें कि फर्ज की 3 रकात नमाज दो तरीके से अदा की जाती है एक अकेले में जबकि दुसरा तरीका इमाम के साथ हमने यहां दोनों तरीका को बताया है।
आप जब अकेले में 3 रकात की फर्ज अदा करेंगे इसमें आप अपने से सब किराअत वगैरा करेंगे इस तरह से 3 रकात की फर्ज नमाज इस्लामी मां बहने हमेशा पढ़ती है और मर्द हजरात कभी कभार पढ़ते हैं।
लेकीन जमाअत के साथ 3 रकात की फर्ज सिर्फ मगरीब की नमाज ही अदा की जाती है इसके अलावा 3 रकात ईशा में वित्र की वाजिब नमाज सिर्फ रमजान महीने में अदा की जाती है इसी लिए इस लेख को ध्यान से पढ़ें।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – अकेले में पहली रकात
- सबसे पहले नियत करके अपने दोनों हांथ बांध लें।
- अगर नियत ना मालुम हो तो नीचे लिखी है जान लें।
- इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- इसके बाद अलहम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह में से कोई एक सूरह पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – अकेले में दुसरी रकात
- यहां पर पहले सिर्फ अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पढ़ने के बाद यहां भी आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर कोई भी छोटी या बड़ी सूरह को यहां पर पढ़ें।
- इसके बाद पहली रकात की तरह ही अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- अब रूकूअ से उठते हुए समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहें।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठें फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- यहां भी दुसरी सज्दा में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला ज़रूर पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब ‘ला’ पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
- इसके बाद तुरंत इल्ला पर उंगली दें और अल्लाहु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – अकेले में तीसरी रकात
- यहां भी दुसरी रकात की तरह अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पुरा पुरा पढ़ें।
- इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद यहां पर अपने मन से सूरह पढ़ें या ना पढ़ें तीसरी रकात में सूरह मिलाना ज़रूरी नहीं।
- अब यहां भी अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से सर उठाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठें फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन या फिर पांच या सात बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब आखिर में अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- यहां भी अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें और इल्ला पर उंगली गिरा दें।
- इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें इसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ें।
- अब सलाम फेर लें पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहें और बाएं तरफ गर्दन को घुमाएं।
यहां आपकी 3 रकात फर्ज की नमाज़ मुकम्मल हो गई अब अपने मुताबिक दुआए अजकार करें।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – इमाम के पीछे पहली रकात
- सबसे पहले नियत करें और इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर नियत बांधे।
- इसके बाद अपने मन में ही सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म व बिहम्दिका व तबारकसमु क व तआला जद्दूक व ला इल्लाहा गैरूक पढ़ें।
- इसके बाद आप चुप रहें इमाम साहब किराअत करेंगे यानी सूरह फातिहा फिर कोई सूरह पढ़ेगे उसी को आप सुनें।
- फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे तो आप भी रूकुअ में जाएं।
- आप अपने ही सुनने भर आवाज़ में तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- इसके बाद इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे तो आप उठते हुए रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर इमाम साहब के कहने पर उनके साथ सज्दा में जाएं।
- और मन ही मन में अपने सुनने तक 3, 5 या 7 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ लें।
- फिर अल्लाहु अकबर कि आवाज़ पे उठ जाएं।
- फिर तुरंत इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे तो आप भी दुसरी सज्दा में जाएं।
- और दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर इमाम साहब के कहने पर दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – इमाम के पीछे दुसरी रकात
- यहां पर आप ख़ामोशी से सब सुने और जब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ करें तो आप करें।
- हर बार कि तरह यहां भी रूकुअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे तो आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
- अब इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहने पर उठें फिर अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें और अल्लाहु अकबर इमाम के कहने पर बैठ जाएं।
- अब तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ें अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर शहादत उंगली उठाएं।
- इसके बाद तुरंत इल्ला पर गिरा भी दें और इमाम के अल्लाहु अकबर कहने पर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika- इमाम के पीछे तीसरी रकात
- यहां भी खामोश रहे साथ ही इमाम साहब भी अपने ही जुबान में किराअत करेंगे।
- लेकिन अल्लाहु अकबर आवाज़ में बोल कर रूकूअ में जाएंगे तो आप भी रूकुअ में जाएं।
- यहां भी हर बार कि तरह तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए इमाम साहब उठेंगे तो आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
- अब अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने पर उठें और फिर अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें।
- अब अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा से उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
- फिर तुरंत इल्ला पर गिरा भी दें और इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
- अब आखिर में दुआ ए मासुरा पढ़ें और इमाम साहब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे।
- पहली बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहने पर दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं फिर कहने पर बाएं तरफ।
यहां आपकी 3 रकात फर्ज नमाज मुकम्मल हो गई इसके बाद इमाम के साथ साथ आप भी दुआ कर लें।
3 Rakat Farz Namaz Niyat
नियत की मैने 3 रकात (यहां नमाज का नाम लें) की फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
Maghrib 3 Rakat Farz Namaz Niyat
नियत की मैने 3 रकात नमाज ए मगरिब की फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
ध्यान दें:- अगर इमाम के पीछे नमाज अदा कर रहे हैं तो आप अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोले इसके बाद मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर कहें।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में 3 रकात फर्ज नमाज अदा करने का सही तरीका बहुत ही आसानी से समझा यकीनन आप इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद 3 रकात फर्ज नमाज आसानी से अदा कर पाएंगे इंशाअल्लाह अगर अभी भी आपके मन में कुछ डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से जो भी कुछ इल्म आप ने हासिल की हो उसे सवाब की नियत से ज़रूर फैलाएं जिससे वो भी सही तरीके से 3 रकात फर्ज की नमाज अदा कर सकें और आपके नामाए में नेकियों का भी इज़ाफा होता रहे शुक्रिया।
Agar koi Admi imam ke sath sath surah padhe to ye gunaah to nhi hai na ?
Nahi Lekin Nahi Padhna Chahiye.