Durood E Ibrahim In Hindi & English – दुरुदे इब्राहिम हिंदी में पढ़ें।

आज इस पैग़ाम में आप छोटी लेकिन बहुत ही रहमत व बरकत और फजीलत भरी दुरुद यानी दुरूदे इब्राहिम पढ़ेंगे, आप भी जानते ही होंगे कि हम सब के लिए दुरूदे इब्राहिम का पढ़ना बहुत ही आवश्यक है हम सब को नमाज़ में दुरूदे इब्राहिम ही पढ़ना होता है।

हम सब को ज़रूर दुरूदे इब्राहिम जबानी याद होना भी बहुत ही ज़रूरी है जिससे हम और आप अपने नमाज़ अदा करते वक्त इसे पढ़ सकें, इसीलिए आप यहां पर दुरूदे इब्राहिम पढ़ कर याद भी कर लें और नमाज़ के साथ साथ अपने ज़िंदगी में भी हर रोज़ दुरूदे इब्राहिम पढ़ा करें।

Durood E Ibrahim In Hindi

अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन  कमा सल्लैता अला   सय्यिदिना   इब्राहीमा   व   अला   आलि सय्यिदिना   इब्राहिमा   इन्नका   हमीदुम   मजीद. अल्लाहुम्मा बारिक अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन कमा  बारकता अला   सय्यिदिना   इब्राहिमा   व   अला   आलि सय्यिदिना   इब्राहिमा   इन्नका   हमीदुम   मजीद.

Durood E Ibrahim In English

Allahumma  Salli  Alaa  Sayyideena Muhammadeenw  wa  Ala  Aali Sayyideena Muhammadeen Kamaa Sallaita Ala Sayyideena Ibrahima Wa Ala Aali Sayyideena Ibrahima Innaka Hameedum Mazid. Allahumma Bareek Ala Sayyideena Muhammadeenw Wa Ala Aali Sayyideena Muhammadeen Kamaa Barkataa Ala Sayyideena Ibrahima Wa Ala Aali Sayyideena Ibrahima Innaka Hameedum Mazid.

दुरुदे इब्राहिम का तर्जुमा

ऐ अल्लाह! दुरूद भेज हमारे सरदार मुहम्मद पर और उनकी आल पर जिस तरह तूने दुरूद भेजी सय्यिदिना इब्राहिम पर और उनकी आल पर बेशक तू सराहा हुआ बुजुर्ग है। ऐ अल्लाह! बरकत नाजिल कर हमारे सरदार मुहम्मद पर और उनकी आल पर जिस तरह तूने बरकत नाजिल की सय्यिदिना इब्राहिम पर और उनकी आल पर बेशक तू सराहा हुआ बुजुर्ग है।

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दुरुदे इब्राहिम के फायदे

  • दुरूदे पाक पढ़ने से गुनाह उससे भी तेज मिटता है जिस तरह पानी से आग ख़त्म होती है।
  • जिस ने एक मरतबा दुरूदे पाक पढ़ा अल्लाह पाक उसपे दस रहमतें नाजिल फरमाएगा।
  • सबसे ज्यादा कयामत के दिन करीब वो शख्स होगा जिसने दुनिया में ज्यादा दुरूद पढ़ा होगा।
  • कियामत के दिन हिसाब किताब से जल्द निजात पाने वाला वो शख्स होगा जिसने दुनिया में कसरत से दुरूद पढ़ा हो।
  • दुरूद शरीफ पढ़ने से दुआ कुबुल होती है जब तक दुरूद शरीफ नहीं पढ़ी जाती दुआ जमीन व आसमान के बीच ठहरी रहती है।
  • जो रऊफुर्रहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर एक बार दुरूदे पाक पढ़ा उसपे 70 बार रहमत नाजिल होगा।
  • दुरूद शरीफ पढ़ने से नेकियां लिखी जाती है और उस के गुनाह मिटाए जाते हैं।
  • दुरूदे पाक पढ़ने वाले से आप हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मोहब्बत फरमाते हैं।
  • दुरूद पाक पढ़ने से बारगाहे बेकस पनाह में उसका नाम पेश किया जाता है और ज़िक्र किया जाता है।

दुरूदे इब्राहिम की फजीलत

  • इस दुरूदे पाक को पढ़ने से दिन व दुनिया के बेशुमार नेअमतें पढ़ने वाले को हासिल होगी।
  • साहीबे रूहुल बयान फरमाते हैं कि जो शख्स दुरूद शरीफ को पढ़ेगा उस का माल व दौलत बढ़ता रहेगा।
  • दुरूद शरीफ पढ़ने से फकर यानी तंगदस्ती दूर होता है, दुरूद शरीफ के जरिए बंदा जुल्म व जफा से निकल जाता है।
  • दुरूद शरीफ पढ़ने वाले को इस अमल के वजह से उस की जात अमल उम्र और बेहतरी की अस्बाब में बरकत हासिल होती है।
  • अगर किसी को भूलने की बीमारी हो तो मगरिब और इशा के दरमियान दुरूद पाक कसरत से पढ़े इंशाअल्लाह वह हाफिजा कव़ी हो जाएगा।

दरूदे इब्राहिम पढ़ने का तरीका

अगर आपका सवाल यह है कि दुरूदे इब्राहिम नमाज़ में पढ़ने का तरीका तो इसका जवाब यह है कि जब अत्तहियात पढ़ने के बाद अपना उंगली उठाने के बाद गिरा लें उसी वक्त आप दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।

अगर आप सामान्य तौर पर दुरूदे इब्राहिम पढ़ने का तरीक़ा ढूंढ रहे हैं तो आप हर वक्त जब भी आपकी जी चाहे कम से कम एक मरतबा एक दिन में पढ़ लें अगर यह आदत बन गई न तो आप का इस दुनियां के साथ साथ आखीरत में भी बेड़ा पार हो जाएगा।

दुरूदे इब्राहिम इन वक्तों में ज्यादा पढ़ें।

  1. सुबह सादिक और शाम के वक्त
  2. हर नमाज़ पढ़ने के बाद
  3. मुश्किल, तकलीफ़ की घड़ी में
  4. अज़ान ख़त्म होने पर
  5. घरों में दाखिल होते वक्त
  6. वजू के शुरु में और खत्म होने पर
  7. मस्जिद में आते जाते वक्त
  8. दुआ से पहले और दुआ खत्म के बाद
  9. समय मिले तो हर रोज़ हर वक्त

FAQ

नमाज में कौन सी दुरुद शरीफ पढ़ी जाती है?

नमाज़ में आम तौर पर दुरूदे इब्राहिम ही पढ़ी जाती है अगर ना याद हो तो दुसरा भी पढ़ सकते हैं।

नमाज में दुरूदे इब्राहिम कब पढ़ी जाती है?

जब नमाज का मुकम्मल सजदा करने के बाद बैठा जाता है तो पहले अत्तहियात फिर दुरूदे इब्राहिम पढ़ा जाता है।

आख़िरी बात

आप ने यहां पर दुरूदे इब्राहिम बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ा यकिनन आप इसे पढ़कर जहन में बसा लिए होंगे, साथ ही आप ने यहां पर दुरूदेइब्राहिम की फजीलत बरकत और भी बहुत कुछ दुरूदे इब्राहिम से जुड़ी इल्म हासिल की हमें यकीन है कि यह पैग़ाम आपको पसन्द आया होगा।

अगर अभी भी दुरूदे इब्राहिम से जुड़ी किसी भी तरह के सवाल या मन में डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट बॉक्स के जरिए पूछ भी सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करूंगा साथ ही आपने इस पैग़ाम से जो इल्म हासिल किया उसे दूसरों को भी बताएं।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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