आज यहां पर आप बहुत ही अहमियत की इल्म यानी 1 से 6 तक सभी इस्लामी कलमे को हिंदी में पढ़ेंगे हमने यहां पर छह कलमा साथ ही साथ तर्जुमा भी हिंदी जबान के बहुत ही साफ व आसान लफ्ज़ों में लिखा है।
जिसे आप बहुत ही आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे यकीनन इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी इस्लामी कलमे को नहीं तलाशनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पढ़ें और तर्जुमा भी समझें।
कलमा क्या होता है?
हमारे मज़हब में कलमा यानी इस्लाम की खुबसूरती इसकी स्तंभ और साथ ही साथ हम सब की ईमान है कलमा को पढ़ कर मानकर हम मुसलमान हुए कलमा हम सब के लिए बहुत ही बड़ी नेमत है इसकी वजह निम्नलिखित है:
- कलमा ही हमें अल्लाह का खूबी बताता है।
- कलमा पढ़ने से ईमान में ताज़गी आती है।
- कलमा हम सब के लिए एक आला शान है।
- कलमा हमारी ईमान को पुख्ता बनाता है।
- कलमा हमारे लिए ताकत व कुव्वत है।
- कलमा इस्लाम की सबसे पहली स्तंभ है।
- कलमा इस्लाम का पहचान होता है।
- कलमा से रब की एक होने का मालूम होता है।
- कलमा से गुनाहों की मगफिरत भी होती है।
- कलमा से घरों में बरकत भी होती है।
1. पहला कलमा तय्यिब
ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसुलुल्लाह
पहला कलमा तय्यिब का तर्जुमा
अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैही वस्सलम अल्लाह के रसुल हैं।
2. दूसरा कलमा शहादत
अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वह दहु ला शरीका लहु व अश हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू
दूसरा कलमा शहादत का तर्जुमा
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं कि हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अल्लाह के बन्दे व रसुल हैं।
3. तीसरा कलमा तम्जिद
सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौला वला कुव्वता इला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम
तीसरा कलमा तम्जिद का तर्जुमा
अल्लाह की जात पाक है और तमाम तारीफें उसी के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं और अल्लाह ही बड़ा है उसकी मदद के बगैर किसी में ताकत व कुव्वत नहीं वह अजमत और बुजुर्गी वाला है।
4. चौथा कलमा तौहिद
ला इल्लाहा इल्लल्लाहु वह दहु ला शरीका लहु लहुल मुल्कू व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हुवा हय्युल ला यमुतू अबदन अबदा जुल जलालि वल इकरामि बियदिहिल खैर व हुवा अल्ला कुल्लि शैईन कदीर
चौथा कलमा तौहिद का तर्जुमा
अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं उसी के लिए मुल्क है और उसी के लिए तमाम तारीफें वही जिंदगी और मौत देता है वह जिंदा है उसको मौत नहीं वह हमेशा से है और हमेशा रहेगा वह जलाल और इकराम वाला है उसी के दस्ते कुदरत में भलाई है और वह हर चीज़ पर कादीर है।
5. पांचवां कलमा इस्तगफार
अस्तगफिरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्लि जम्बिन अजनब तुहू अमदन अव खता अन सिर्रन अव अला नियतंव व अतूबु इलैहि मिनज जम्बिल लजी अअ् लमु व मिनज जम्बिल लजी अअ् लमु इन्नका अन्ता अल्लामुल गुयूबि व सतारुल उयुबि व गफ्फारुज जुनूबि वला हौला वला कुव्वता इला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम
पांचवां कलमा इस्तगफार का तर्जुमा
मगफिरत चाहता हूं अपने रब अल्लाह से तमाम गुनाहों कि उन गुनाहों से जो मैंने जान कर किये भुल कर किये छुप कर किये या सब के सामने किये और तौबह करता हूं उन गुनाहों से जो मैं जानता हूं और उन गुनाहों से जो मैं नहीं जानता बेशक तू गैबों का जानने वाला है और बुराइयों को छुपाने वाला है और गुनाहों को बख्शने वाला है और अल्लाह की मदद के बगैर किसी में ताकत व कुव्वत नहीं वह अजमत और बुजुर्गी वाला है।
6. छठा कलमा रद्दे कुफ्र
अल्लाहुम्मा इन्नी अऊजु बिका मिन अन उशरि क बि क शैअंव व अना आअलमु बिही व अस्तगफिरू कलिमा लाअलमु बिही तुब्तु अन्हू व तबर्राअतु मिनल कुफरि वशिशर्कि वल किज्बी वल गीबति वल बिदअति वन्नमीमति वल फवाहिशि वल बुहतानी वल मआसी कुल्लिहा व अस्लम्तु व अकूलु ला इल्लाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसूलल्लाह।
छठा कलमा रद्दे कुफ्र का तर्जुमा
ऐ अल्लाह मैं तेरी पनाह मांगता हूं इस बात से की किसी चीज़ को मैं तेरा शरीक बनाउं और मुझे उसका इल्म हो और मैंने माफी मांगी तुझ से उस गुनाह की जिसका मुझे इल्म नहीं, और मैं बेजार हुआ कुफ्र से और शिर्क से और झूठ से और गिबत से और बिदअत से और चुगली से और बेहयाई के कामों से और तोहमत लगाने से और हर किस्म का नाफरमानियों से और तस्लीम किया मैंने और ईमान लाया मैं और कहता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।
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- Pehla Kalma In Hindi
- Dusra Kalma In Hindi
- Teesra Kalma In Hindi
- Chautha Kalma In Hindi
- Panchwa Kalma In Hindi
- Chatha Kalma In Hindi
FAQs
कलमा कितना होता है?
मज़हब ए इस्लाम में कुल मिलाकर सब 6 कलमा होता है।
कलमा से क्या अभिप्राय है?
कलमा से रब का एक और केवल एक होने का अभिप्राय है।
कलमा का मतलब क्या होता है?
कलमा का मतलब अल्लाह का एक होना और वही सब होता है।
इस्लाम में कलमा क्यों पढ़ते हैं?
इस्लाम में कलमे को रब का एक होने का सबूत और ईमान की मजबूती के लिए पढ़ते हैं।
आख़िरी बात
आपने इस पैग़ाम में बहुत ही अच्छी जरूरी इल्म हासिल किया जिसमें आपने 1 से 6 तक सब इस्लामी कलमे को हिंदी में पढ़ने के साथ साथ हिंदी में तरजुमे को भी पढ़ कर समझा इसके बाद आप तो अब आसानी से कलमे को जानने के साथ साथ इसका मतलब भी जान गए होंगे।
अगर आप यहां पर कलमा पढ़ने में कहीं समझने में दिक्कत आ रही हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं जी हां हम आपके हम आपके सभी सवालों का जवाब जरूर देंगे साथ ही साथ कहीं पर गलत दिखे तो भी आप हमें ज़रूर इनफॉर्म करें जिसे सुधार की जा सके।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो यानी इस उम्दा रहमत व बरकत भरी पैगाम से कुछ काम की जानकारी हासिल हुई हो तो जिन्हें ना मालुम हो उन्हें जरूर बताएं जिसे सब के सब कलमा और अनुवाद अच्छे से जान सकें साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।
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