कब्र का अज़ाब | कब्र में क्या होता है?

आज के इस पैगाम के जरिए आप कब्र का अज़ाब जानेंगे यानी कब्र में किस के साथ क्या होता है, हम सभी मज़हब ए इस्लाम के मोमिन यह बात जानते हैं कि बाहर से ब ज़ाहिर यक्सां नजर आने वाली कब्रें अन्दर से एक जैसी नहीं होती, किसी कि क़ब्र अन्दर से गुलो गुलजार और बाग़ो बहार होती है।

जब कि किसी की कब्र में सुलगती अंगार होती और वो कब्र सांप बिच्छूओं का गार होती है, जिंदगी में सब रोज का आना जाना हमारा और आपका बदन के घुलने का उम्र तमाम होने का हर दम अलविदा हो जाने का पता दे रहा है हम सभी एक न एक दिन इस हसीं या मनोरम्य जिंदगी से रुखसत हो जाएंगे।

हम सभी को अपने अपने कर्म के अनुसार कब्र में आराम या पीड़ा मिलेगा सभी को इसका मज़ा चखना ही है आइए आज जानते हैं कि कौन सी गुनाह का कैसा पीड़ा होता है साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि कब्र में किसके साथ कौन सा अज़ाब होगा।

कब्र का अज़ाब

  • आग की कील
  • पसलियों का टुटना
  • खिन्जीर नुमा हाल
  • कब्र में आग होना
  • काले बिच्छू का होना
  • कब्र का अंधेरा होना
  • पेट में सांप का होना
  • अश्शुजाउल अक़रह
  • क़ब्र में सांप का होना
  • सियाह खच्चर नुमा बिच्छू

कब्र में आग होना

इस अज़ाब में ऐसे शख्स को आग में लपेटा जाएगा वह पुरी तरह से दर्दनाक आग में जल रहा होगा जो रोजा में भी यानी रमज़ान के महीने में भी बे हुरमती किया हो।

जिसने रमजान के माह में भी गुनाहों से बाज़ न रहा हो, दिन में रोज़ा रख लेता, रात में लेकिन गुनाहों में मुब्तला रहता, उसकी अज़ाब दर्दनाक होगा।

इस अजाब में वैसे लोग भी शामिल होंगे, जिसने हसमसायों के दरवाजों से कान लगा कर उनकी बात सुनती और चुगुल खोरी किया हो।

इस अज़ाब को वैसे लोगों को भी झेलना होगा जिसने अपने माल और दौलत रहते हुए माल की जकात अदा न किया हो उसकी कब्र में आग दहक रही होगी।

काले बिच्छू का होना

यह अज़ाब उस को होगा जो दुनिया की रंगीन में मशरूफ हो कि नमाज से कोसों दूर व सुन्नत से महरूम था, दुनिया की बे शुमार ना जयबा हरकतों जैसे कि गाने – बाजों फिल्मों ड्रामों वगैरह की लपेट में था जिसमें मशरूफ हो कर नेक अमल नमाज और सुन्नती कामों से दूर था।

सियाह खच्चर नुमा बिच्छू

यह बिच्छू जब बे नमाजी को डसेगा तो इसके सत्तर डंक कि ज़हर पूरे जिस्म में सरायत कर जाता है और इस जोहर की गर्मी एक साल तक रहती है इसके बाद उसकी हड्डियों से गोश्त झड़ता है और उसकी शर्मगाह से पीप बहने लगती है।

पसलियों का टुटना

इस अज़ाब में कब्र दबा कर उस शख़्स की पसलियां तोड़ तोड़ कर पैवस्त कर देती है जो बे नमाज़ी हो जिस ने वालिदैन की ना फरमानी की ऐसे शख्स की कब्र इतना तंग हो जाएगा कि उस की सारी पसलियां सभी एक दुसरे से पैवस्त हो जाएंगी।

अश्शुजाउल अक़रह

यह एक प्रकार का गंजा सांप है जिसकी आंखें आग की होंगी जब कि नाखून लोहे के होंगे हर नाखून की लंबाई एक दिन की मुसाफत तक होगी, यह नमाज जाएअ करने वाले को डसेगा इसके डसने से सत्तर हाथ तक जमीन में धंस जाएगा।

कब्र का अंधेरा होना

जिसने फर्ज होने के बा वजूद जकात पुरी नहीं की रमजानुल मुबारक के रोजे नहीं रखें, नमाज़ की पाबंदी नहीं की,मां बाप के हुकूक अदा नहीं किया, ज्यादा समय गुनाहों जिन्दगी का गुनाहों में गुजारी इस तरह की गुनहगारों की कब्र में अंधेरा होता है।

क़ब्र में सांप का होना

यह अज़ाब उस शख्स को होगा जो चोरी या शराब खोरी या जिना में मुब्तला हो कर मरता है, ऐसे शख्स को दो सांप मुकर्रर कर दिए जाते हैं जो उस का गोश्त नोच नोच कर खाते रहते हैं।

पेट में सांप का होना

इस अजाब से उन्हे गुजरना होगा जिसने जिंदा में सूद खाता हो, कब्र में इनके पेट मकानों की तरह होंगे और उनमें सांप होंगे जो पेट के बाहर से भी नज़र आएंगे।

खिन्जीर नुमा हाल

यह अजाब वैसे शख़्स को होगा जिसने झूठी कसमें खाई और हराम रोज़ी कमाई,‌ इस अज़ाब से उस शख्स का मुंह खिन्जीर जैसा होगा।

आग की कील

उस शख्स को आग की कील को ठूकी जाएगी जिस ने गिबत किया करता था, जो चुगली खाता और लोगों को आपस में लड़वाता था।

इस तरह के अज़ाबों से उन्हे गुजरना होगा जिसने पेशाब के छीटों से न बची और दूसरों की चुगुल खोरी किया हो, जिसने हराम रोज़ी कमाया हो, मुसलमानों को डरा धमका कर भत्ता उसूला हो, जो जमीनों पर नजायज कब्ज़ा किया हो।

जिसने जीते जी चोरी किया हो डाका डाला हो, जो तकब्बुर का आदी था जिसने तोहमत व बदगुमानी किया हो, शराब व जुए खेलता हो या अड्डे का मुख्य शख्स यानी जो जुए का अड्डे चलाता हो, नशे में बदमस्त हो कर जुल्मों सितम की आंधियां चला रहा था।

कब्र के तीन सवाल

किसी भी शख्स को दफन के बाद दो फरिश्ते से एक मुन्किर से दुसरे नकीर से मुलाकात होती है जिन्की शक्ल बहुत ही‌ डरावनी और काला होगा,आंखें नीली और काली बहुत बड़ी बड़ी जिससे आग की तरह लपट निकलती होगी।

जिनके डरावने बाल सर से पांव तक उनके दांत बहुत बड़े बड़े जिसे जमीन चीरते हुए आते हैं और आने के बाद दफन की गई शख्स को उठाएंगे और बहुत सख्ती के साथ बड़ी‌ कड़ी आवाज में तीन सवाल करते हैं:-

‘मन रब्बुका’ तेरा रब कौन है?
‘अल्लाह’ मेरा रब अल्लाह है।

‘मन दिनोका’ तेरा दिन क्या है?
‘दीनी-यल-इस्लाम’ मेरा दीन इस्लाम है।

मा कुन्तु तकूलु फ़ी हाजर रजुल?
इनके बारे में क्या खयाल है?
होवा रसुलुल्लाहे अलैहे व सल्लम’ यह अल्लाह के रसुल हैं।

जिनसे यह सवाल किया अगर वह सवालों का जवाब दे देगा तो वह मुसलमान होगा और उसे कब्र में अच्छी जगह मिलेगी और चैन व सुकून मिलेगा, लेकिन यदि काफिर होगा तो वह इन सभी सवालों का जवाब नहीं दे सकेगा और ऐसा शख्स बोलेगा की हमें मालुम नहीं।

ऐसे शख्स के लिए आसमान से पुकारा जाएगा कि यह झूठा है इस के लिए आग का बिछौना बिछाओ और आग वाला कपड़ा पहनाओ और जहन्नम का एक दरवाजा खोल दो उसकी गर्मी और लपट पहुंचेगी और अज़ाब देने के लिए दो फरिश्ते मुकर्रर होंगे जो बड़े हथोड़े से मारते रहेंगे और सांप बिच्छू भी काटते रहेंगे और कयामत तक तरह तरह के अज़ाब होते रहेंगे।

ऐसे शख्स को कब्र के अज़ाब और सवाल से मुलाकात न होगी जिसने अपनी जिन्दगी में अलविदा यानी माहे रमज़ान या जुम्मा के दिन रूखसत पाया हो, जिस ने दुश्मन से सब्र से मुकाबला किया, हत्ता की गालिब हुआ हो या शहीद हुआ हो, रात में सुरह ताबारक पढ़ने वालों से भी मुनकिर नकिर सवालात नहीं करेंगे।

कब्र में रहमत

  • जिसने अपनी जिंदगी में अल्लाह का फरमां बरदार रहा जिसने अपनी जिन्दगी नेक कामों में गुजारी जिसने नमाज़ की पाबन्दी की उसकी कब्र में चैन और सुकून व आराम है।
  • उस शख़्स की कब्र में रहमत होगी जिसने दौलत मिलने पर हज किया, मां बाप का फ़रमा बरदार रहा झूठ गिबत चुगली से बचा, जिसने गुनाहों से परहेज़ किया उसकी कब्र में रहमत होगी।
  • जिसने फराइज के साथ साथ नवाफील की भी पाबन्दी की जिस ने रमज़ान के रोज़े के साथ साथ नफ्ली रोज़े भी रखें कुरान की तालीम करने के साथ साथ दूसरों को भी तालिम दी।
  • उनकी कब्र से रहमत की खुशबू आएगी जिन्होंने अपनी जिन्दगी तिलावत और रोजे की बरकत के लिए गुजारी हो, जिसने जिक्रो अनवार की हो ऐसे लोग की कब्र खुशबूदार होगी।
  • जिस शख्स ने सब्र से दुनिया में रहा हो इसकी अज़ाब नहीं होती अज़ाब आने पर नमाज़ कहता है पिछे हट ये तमाम ज़िन्दगानी तकालिफ बर्दाश्त करता था अब आराम से लेटा है।

कब्र की पहली रात

सभी के लिए कब्र की पहली रात निहायत अहम रात होगी जिस में किस तरह बसर होगी, पिछली रात को सब साथ होंगे लेकिन इस रात की चीखें भी कोई नहीं सुन पाएगा अगर इस रात कोई दुरूद शरीफ और कुरान की तिलावत करके दिल को सुकून दे तो क्या कहने, आपको शायद मालुम होगा कि कब्र में अक्ल सलामत रहेगी जो नेक बन्दे इमान सलामत लिये अल्लाह व रसूल की रज़ा पर दुनिया रूखसत होंगे वो अल्लाह की रहमत तक पहुंचेंगे।

पिछली रात को बहुत ही सुकून और ऐशो आराम से सोया था तो इस रात शरीर पर कीड़े मकोड़े चल रहे होंगे, पिछली रात अच्छे लिबास पर गुजरी होगी लेकिन कब्र की पहली रात में न जाने की जन्नती कफ़न या जहन्नम की आग के कफ़न से बदल जाएगा, जहां पिछली रात माल और दौलत की तरक्की पर नज़र होगी वहीं इस रात को पछताएंगे की काश थोड़ा और नेक आमाल कर लेता।

जहां पर पिछली रात रोशनी का अंबार था आज की रात यानी कब्र की पहली रात में अंधेरा ही अंधेरा होगा, अगर कब्र वालों ने इस से नज़ात पाई तो बाद का मुआमला इस से आसान होगा, और अगर इस से नज़ात न पाई तो बाद का मुआमला जियादा सख्त होगा, इस रात में कोई नहीं नज़र आएगा ख़ुद की हालत देखी नहीं जाएगी और टेलिविजन मोबाइल फ़ोन देखने के लिए रहेगी नहीं।

आख़िरी बात

हमने इस पैगाम के जरिए आपको कब्र का अज़ाब को बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया है, इस पैग़ाम में हमने इस मॉर्डन वर्ल्ड में लोगों को देखते हुए जिस तरह से आज के लोग इस दुनियां में गुनाहों में डूबे हुए हैं उन्हें देखते हुए वैसे ही गुनाहों से सम्बन्धित अज़ाब को बताया है, इसके अलावा और भी बहुत सारे कब्र के अज़ाब है।

अगर यह पैगाम आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्त व अहबाब, अजीजो अकारिब तथा सभी मोमिनों तक पहुंचा कर सवाब ए दारैन हासिल करें क्यूंकि हमारा रब वैसे बन्दों से खुश होता है जिसने मज़हब ए इस्लाम की अच्छी बात सुनी और सब को बताई।

आपके इस छोटी सी कोशिश से क्या पता कितने लोग गुनाहों से बच जाए और अपने रब के बताए रास्ते पर चल कर अपने रब को राजी करे साथ ही साथ हमें और आपको भी कुछ न सवाब हासिल हो जाएगा,अगर आपके मन में कुछ डाउट या सवाल आ रहा हो तो कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से अपना सवाल हमसे पूछ सकते हैं जिसका जवाब हमारी ओर से जल्द ही दी जाएगी।

7 thoughts on “कब्र का अज़ाब | कब्र में क्या होता है?”

Leave a Comment