आप इस पैग़ाम में तब्बत यदा सूरह यानी सूरह लहब को हिंदी में बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ेंगे, हम सभी पर अल्लाह तबारक तआला का कितना बड़ा करम व एहसान है कि अपने बन्दों को कुरान दिया ताकि हम सब नेक राह पर चल कर बुलन्दी हासिल कर सकें।
आप यहां पर एक ऐसा ही कुरान की छोटी मगर बहुत ही बड़ी व ऊंची शान बरकत रहमत और फज़ीलत भरी सूरह, सूरह तब्बत यदा जिसे आप सूरह लहब से भी जानते होंगे, यह भी कोशिश किजीएगा कि याद कर लें, इस सूरह की आपको ज़िंदगी के हर मोड़ पर ज़रूरत पड़ेगी।
Tabbat Yada Surah In Hindi
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- तब्बत यदा अबी लहबिंव व तब्ब
- मा अग्ना अन्हु मालुहू वमा कसब
- सयस्ला नारन जा त लहबिंव
- वमरा अतुहू हमा लतल हतब
- फी जिदिहा हब्लुम मिम मसद
तब्बत यदा सूरह लहब हिंदी में
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम तब्बत यदा अबी लहबिंव व तब्ब मा अग्ना अन्हु मालुहू वमा कसब. सयस्ला नारन जा त लहबिंव वमरा अतुहू हमा लतल हतब. फी जिदिहा हब्लुम मिम मसद.।
Tabbat Yada Surah in English
Tabbat Yadaa Abi Lahabiw W Tabb Ma’agna Anhu Maluhu W Ma Kasab Saysala Naran Ja T Lahabiw Wamra Atuhu Hama Latal Hatab Fi-Zidiha Hablum Mim Masad
सूरह लहब का तर्जुमा
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला. तबाह हो जाएं अबू लहब के दोनों हाथ और और वह तबाह हो ही गया उसे कुछ काम न आया उसका माल और न जो कमाया अब वह धंसता है लपट मारती आग में और उसकी जोरू लकड़ियों कि गट्ठा सर पर उठाती उसके गले में खजूर की छाल का रस्सा।
सूरह लहब के बारे में जानिए
सूरह लहब यानी कि तब्बत यदा सूरह मक्के में उतरी, इसमें एक 1 रूकु पांच 5 आयतें बीस 20 कलिमें सतहत्तर 77 अक्षर है, जब सफा पहाड़ी पर सैयदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अरब के लोगों को दावत दी।
हर तरफ से लोग आए और हुजूर ने उनसे अपनी सच्चाई और अमानत की गवाही लेने के बाद फ़रमाया ‘इन्नी लकुम नजीरूम वैना यदैय अजाविन शदीदिन यानी मैं तुम्हें उस अज़ाब का डर दिलाता हूं जो तेरे करीब है।
इस पर अबु लहब ने कहा था कि तुम तबाह हो जाओ क्या तुमने हमें इसी लिये जमा किया था इस पर यह सूरह उतरी और अल्लाह तआला ने अपने हबीब सैय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तरफ से जवीव दिया।
सूरह लहब की फजीलत
- अगर तब्बत यदा सूरह यानी सूरह लहब को हर रोज 7 सात मरतबा पढ़ते हैं तो दुश्मनों के सर से महफूज़ रहेंगे।
- अगर तब्बत यदा सूरह यानी सूरह लहब को पढ़ कर दुश्मनों के सामने जाएंगे तो कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- अगर किसी को नाजायज मोहब्बत हो तो बग़ैर बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़े 71 मरतबा सूरह लहब पढ़ने से खत्म हो जाएगा।
- अगर खौफ हो कि नौकरी यहां से वहां कर दिया जाएगा तो उसे चाहिए कि बगैर बिस्मिल्लाह पढ़े 19 मरतबा सूरह लहब पढ़े।
आखिरी बात
आपने इस पैग़ाम में तब्बत यदा सूरह यानी सूरह लहब को बहुत ही आसान और साधारण लफ्ज़ों में पढ़ा हमें उम्मीद है कि यह आपको ज़रूर पसन्द आया होगा साथ ही आपने इस जबानी याद भी कर लिया होगा हमने आप को अच्छे से समझ में आने के लिए यहां पर तीन भाषा में लिखा है।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने अजीजों अकरीब दोस्त अहबाब तक पहुंचा कर सवाब हासिल करें साथ ही इसे अपने हिफाज़त के लिए भी इस्तेमाल करें यकिनन आप दुश्मनों से महफूज़ रहेंगे साथ ही इसका इस्तेमाल अच्छे अमल में ही करें बुरे आमाल के लिए ना करें।
अगर आप तब्बत यदा सूरह यानी सूरह लहब से जुड़ी कोई बात या कुछ बताना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें ज़रूर बताएं, ऐ अल्लाह अगर यहां पर कुछ पढ़ने लिखने में एक जुमला एक हर्फ या एक नुक्ता का भी गलती हुई हो तो अपने रहमों करम से माफ़ अता फरमा। आमीन!
हिन्दी में लिखें words में हुई ग़लती को सुधरें|
जैसे – word ‘रहीम’ होता है नाकि ‘रहिम’|