Witr Ki Namaz Ka Tarika – 3 रकात वित्र की नमाज़ का तरीका

आज इसमें हम जानेंगे कि वित्र की नमाज़ का तरीका क्या होता है, हम सभी का रब अल्लाह तबारक व तआला ने अपने बन्दों से मजबूती और गहरा रिश्ता बनाए रखने के लिए नमाज और दुआओं से नवाजा है, हम सभी लोग इसलिए नमाज अदा करते हैं कि हमारा रब जिसने इतनी हसीन जिंदगी दी है वो खुश हो जाए और हमारा जिंदगी कामयाब हो साथ ही साथ आखिरत के लिए भी नमाज हम सबके लिए एक बेहतरीन अमल है।

हम सभी को चाहिए कि नमाज जरूर पढ़े और अपने रब को राजी करें, हम में से कई लोगों को हो नमाज का तरीका मालुम होता है लेकिन कुछ लोगों को दुरुस्त और मुकम्मल नमाज का तरीका नहीं मालूम होता है जिसके कारण वह पढ़ने में अच्छा महसूस नहीं करते इसीलिए हमने आज के इस आर्टिकल में वित्र की नमाज़ पढ़ने का मुक्कमल और दुरुस्त तरीका बताया है जिसे पढ़ने के बाद आप वित्र की नमाज़ अदा करने का तरीका जान पाएंगे।

Witr Ki Namaz Ka Tarika

  • सबसे पहले नियत करके हाथ बांधे।
  • इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म पढ़े।
  • फिर सुरह फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ़ को पढ़े।
  • इसके बाद कुरान शरीफ की कोई भी सूरत को पढ़े।
  • फिर रुकुअ और सज्दा करें पहली रकअत मुकम्मल हो गई।
  • फिर दूसरी रकअत में भी सब पहली रकअत की तरह ही करें।
  • फिर दुसरी रकअत की सजदे करने के बाद बैठे तशहहुद पढ़ने के बाद उठे।
  • फिर तीसरी रकअत में अल्हम्दु शरीफ यानि सुरह फातिहा और कोई भी सूरत को पढ़े।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ को उठाएं फिर नियत की तरह बांध लें।
  • इसके बाद धीमे लहज़े में और कम आवाज़ में दुआए कुनूत को पढ़े।
  • इसके बाद रुकुअ और सजदा करने के बाद अतहियात पढ़ने के बाद दुरूद शरीफ दुआए मासूरह पढ़ कर सलाम फेर लें।

यहां पर आपकी वित्र की नमाज़ मुकम्मल हो गई, इसके बाद दुआए अज़कार और मगफीरत की दुआ करें।

हमने आपको अच्छे तरीके से समझने के लिए हर एक बात को नीचे की जानिब खुलासा किया है अगर यहां पर पढ़ने के बाद आप अच्छे तरीके से नहीं समझ पाए हैं तो नीचे लिखी वित्र की नमाज का तरीका का हर रकअत के खुलासा को जरूर पढ़े।

औरतों के लिए वित्र नमाज़ का तरीका

हमारी मां बहनों के लिए भी वित्र की नमाज़ वाजिब है, उन्हे भी चाहिए कि वित्र का नमाज़ ज़रूर अदा करें, उनके लिए वित्र की नमाज़ अदा करने का वही तरीका है जिस तरीक़े से बाकी नमाज़ पढ़ा करती है।

बस इतना ध्यान रखें कि तरीका सब वही है लेकिन जो भी आयतें और दुआएं और जिस तरह से पूरा वित्र की नमाज़ मुकम्मल किया जाता है उस पर अमल करें, आप नियत करने के बाद अपने तरीके से नियत बांधे और अल्हम्दु शरीफ और सूरह पढ़े, फिर रुकुअ और सजदा अपने तरीके से करें।

इसी तरह से दूसरी और तीसरी रकअत को भी पुरा करें बस यह ध्यान रखें कि जो भी औरतों के लिए नमाज़ कायम करने का नियम होता है वो इसमें भी लागू होता है।

वित्र नमाज़ की नियत

वित्र की नमाज़ की नियत हिन्दी:- नियत की मैने तीन रकअत नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

वित्र नमाज़ की अरबी नियत हिन्दी:- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला सलास् रकाति सलावतिल वित्र वाजिबल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफत्ही अल्लाहू अकबर।

वित्र की नमाज़ में कितनी रकात होती है?

वित्र की नमाज़ तीन रकअत की होती है जिससे एक सलाम में मुकम्मल किया जाता है, वित्र की तीन रकअत कुछ इस तरह से अदा करें की दो रकअत पढ़ने के बाद बैठे और सिर्फ अत्तहियात पढ़कर तीसरी रकअत के लिए खड़ा हो जाए।

फिर इसके बाद तीसरी रकअत में अल्हम्दु शरीफ और कोई सूरह को पढ़े इसके बाद दोनों हाथ उठाकर कानों की लौ तक ले जाएं और अल्लाहु अकबर कह कर फिर हाथ बांध ले इसके बाद दुआ ए कुनूत पढ़कर अल्लाहु अकबर कह कर रुकुअ और सज्दा करें।

वित्र की नमाज़ की पहली रकात का तरीका

सबसे पहले नियत करें और अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ कानों की लौ तक ले जाएं फिर नीचे करके हांथ को बांध लें, इसके बाद सना यानी सुब्हानकल्लाहुम्म व बि हम दिक व तबारकस्मुक व तआला जद्दुक व लाइलाह गैरुक पढ़े जो हर नमाज़ में पढ़ी जाती है।

इसके बाद‌ अउजुबिल्लाहि मिनशशैतानिर्रजीम बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़कर अल्हम्दु शरीफ फिर कोई भी सूरत पढ़े हालांकि सब्बेहिस्मा रब्बिकल आला या इन्ना अन्जलना पढ़ना दुरुस्त माना जाता है इसके बाद अल्लाहू अकबर कह कर रूकुअ करें फिर सज्दा करें जैसे हर नमाज में करते हैं यहां पर आपकी पहली रकअत मुकम्मल हो गई फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकअत के लिए खड़ा हो जाएं।

वित्र की नमाज़ की दुसरी रकात का तरीका

यहां पर भी आपको बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ने के बाद अल्हम्दु शरीफ पढ़कर कोई भी सुरह मिलाना है, यहां पर भी अगर आपको याद हो तो कुल या अय्यूहल काफिरुन पढ़े यही दुरूस्त माना जाता है इसके बाद रुकुअ और सज्दा करना है।

लेकिन यहां पर आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जाना है फिर तशह्हुद यानी अतहियात पढ़ना है फिर शहादत की उंगली उठाने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़ा हो जाना है यहां पर आप की दूसरी रकअत मुकम्मल हो गई।

वित्र की नमाज़ की तीसरी रकात का तरीका

फिर यहां पर आपको बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ने के बाद अल्हम्दु शरीफ यानि सुरह फातिहा पढ़ना है फिर कोई भी सुरह पढ़े हालांकि यहां पर भी सूरह इखलास यानी कुल हू वल्लाहु अहद पढ़ना अच्छा होता है, इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हाथों को कानों की लौ तक उठाएं फिर हाथ को बांध लें उस तरह जिस तरह नीयत करने के बाद बांधा जाता है।

इसके बाद दुआए कुन्नुत पढ़े इसे आहिस्ते से पढ़ा जाता है,अगर यह याद नहीं है तो रब्बना आतिना फिद् दुनिया ह स न तवं व फिल आखिरती ह स स न तवं व किन्ना अजाबन्नार को पढ़ सकते हैं या फिर इसे भी तीन बार अल्लाहुम् मगफिरली पढ़ सकते हैं इसके बाद रुकुअ और सज्दा करें जिस तरह बाकी नमाज़ में की जाती है।

यहां पर आप की तीसरी रकात मुकम्मल हो गई इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जाएं और तशहहुद यानी अत्तहियात पढ़े, फिर दाहिने हाथ की शहादत उंगली उठाएं इसके बाद दुरुद शरीफ और दुआ ए मासूरह पढ़ कर सलाम फेर लें।

जिस तरह से सलाम फेरा जाता है जैसे पहले गर्दन को दाहिने कंधे की ओर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए मोड़ते हैं इसके बाद अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं कंधे की ओर गर्दन को घुमाएं यहां पर आपकी वित्र की नमाज़ मुकम्मल हो गई।

वित्र की नमाज़ से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

  • वित्र की नमाज़ कभी भी बैठकर अदा नहीं की जा सकती है।
  • वित्र की नमाज़ रमजान महीने के अलावा कभी भी जमात के साथ नहीं पढ़ सकते हैं।
  • अगर आप इशा की फर्ज तन्हा यानी बगैर जमात पढ़ते हैं तो वित्र की नमाज़ जमात के साथ नहीं पढ़े।
  • वित्र की नमाज़ एक वाजिब नमाज है इसे छोड़ने के बाद इस नमाज़ का कजा नमाज पढ़ना वाजिब है।
  • वित्र की नमाज़ में दुआ ए कुनूत पढ़ना वाजिब है अगर इसे भूल हो जाए तो सजदए सहब करना जरूरी है।

FAQ

वित्र की नमाज़ कितनी रकअत की होती है?

वित्र की नमाज़ तीन रकात की होती है जिसे एक सलाम में मुकम्मल किया जाता है।

अगर दुआ ए कुनूत ना आती हो तो क्या करें?

अगर आपको दुआ ए कुनूत नहीं मालूम हो तो अल्लाहुम् मगफिरली तीन बार पढ़ सकते हैं।

वित्र की नमाज़ किस प्रकार की नमाज है?

वित्र की नमाज़ एक प्रकार की वाजिब नमाज है जिसका कजा भी वाजिब है।

वित्र की नमाज़ के लिए वक्त कब से कब तक रहता है?

वित्र की नमाज़ अदा करने के लिए वक्त ईशा के बाद से शुरू होता है और फज्र से पहले तक इसका वक्त होता है।

आखिरी बात

हमने इस पैगाम के जरिए आप तक वित्र की नमाज़ अदा करने का मुकम्मल तरीका पहुंचाया है साथ ही साथ इस पैगाम में आपने वित्र की नमाज से जुड़ी और भी बहुत जानकारी पड़ी होगी और इल्म हासिल की होगी हमें उम्मीद है कि इसे पढ़ने के बाद आप वित्र की नमाज़ अदा करने का दुरूस्त तरीका जरूर जान गए होंगे।

हमने इस आर्टिकल को बहुत ही आसान शब्द और सरल तरीके से लिखा है क्योंकि हमारा कोशिश अव्वल से लेकर आखिर तक यही रहा है कि हम अपने पढ़ने वालों को पूरी जानकारी बताएं जिसे पढ़ने के बाद सभी जानकारी आसानी के साथ समझ में आ जाए।

Leave a Comment