Zam Zam Pani Peene Ki Dua – ज़म ज़म का पानी पीने की दुआ

आज यहां पर आप एक बहुत ही उम्दा बरकत व रहमत भरी दुआ यानी ज़म ज़म का पानी पीने की दुआ जानेंगे हमने यहां पर आबे ज़म ज़म पीने की दुआ हिंदी, अरबी और इंग्लिश में तर्जुमा के साथ पेश किया है।

जिसे पढ़ने के बाद आप आसानी से ज़म ज़म पानी पीने की दुआ समझ जाएंगे यकीनन इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी ज़म ज़म पानी पीने की दुआ नहीं खोजनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां ध्यान से पढ़ें।

Zam Zam Pani Peene Ki Dua

जमजम का पानी पीने की दुआ यहां पर बहुत ही साफ़ लफ्ज़ में लिखी गई है आप इसका लुत्फ उठाएं सही अल्फाज से पढ़ें और हमेशा हमेश के लिए अपने जेहन मुबारक में भी बसा लें और हमेशा जमजम का पानी पीने के बाद दुआ पढ़ें।

Zam Zam Pani Peene Ki Dua In Hindi

अल्लाहुम्म इन्नी अस अलू क इल्मन नाफि अंव व रिज्कंव वासि अंव व शिफाअम मिन कुल्लि दाईन।

Zam Zam Pani Peene Ki Dua In Arabic

اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ عِلْمَاً نَافِعَاًً وَرِزْقَاً وَاسِعَاًَ وَشِفَاءً مِنْ كُلِّ دَاءٍ

Zam Zam Pani Peene Ki Dua In English

Allahumma inni As-Aluka Eilman Naafi'anw Wa Rizqanw Waasi'anw Wa Shifa'am Min Qulli Daaeen.

Zam Zam Pani Peene Ki Dua Ka Tarjuma

ऐ अल्लाह मैं तुझ से इल्मे नाफअ और कुशादा रोज़ी और अमले मकबुल और हर बिमारी से शिफा का सवाल करता हूं।

Zam Zam Pani Peene Ki Dua
Zam Zam Pani Peene Ki Dua

आबे ज़म ज़म पीने का सही तरीका

किसी भी तरह को कोई प्याली या गिलास में आबे ज़म ज़म लें और आप की रुख किबला यानी काअबा शरीफ़ की तरफ होनी चाहिए और पूरा आबे ज़म ज़म कम से कम तीन सांस में पीयें हर सांस के शुरू में बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें और आखिर में अल्हम्दुलिल्लाह पर ख़त्म करें।

जब आप इस तरह से आबे ज़मज़म पियेंगे तो न की आपकी केवल प्यास बुझेगी अगर आप शिफा की नियत से पियेंगे तो शिफा पाएंगे शिकम शैरी के लिए पियेंगे तो अल्लाह आपको शिकम सैर फरमा देगा इसकी फजीलतें भी हमने नीचे बताई है आप उसे भी जरुर पढ़ें।

आबे ज़म ज़म पीने की फजीलत व फवाएद

आबे ज़म ज़म हम सब के लिए खुदा की बहुत बड़ी नेमत है हम सब चाहते हैं कि इसे पिएं लेकिन सब की नसीब नहीं होती इसे हम सब क्यों चाहते हैं वजह निम्नलिखित है:

  1. जमजम का पानी उसी मकसद को पुरी करता है जिस के लिए इसे हम पीते हैं।
  2. अगर आप इसे बरकत की नियत से पियेंगे तो अल्लाह आपको बरकत देगा।
  3. जमजम का पानी बीमार व्यक्ति को लोग शिफा पाने के लिए भी दुआ के साथ पिलाते हैं।
  4. अगर जमजम का पानी का पानी रोजी रिज्क हासिल करने के लिए पीते हैं तो हासिल होगी।
  5. हमारे हुजूर ने तो जमजम का पानी इस लिए पीते थे कि उन्हें कयामत की प्यास से तहफ्फुज मिले।

यह सभी बातें हदीस से हुई है हमने यहां पर हदीस से एक एक को लिखा है अगर आप पूरी हदीस पढ़ना चाहते हैं तो जन्नत में ले जानें वाले अमाल इस किताब में पढ़ सकते हैं वहां पर सभी हदीस ए पाक आबे ज़म ज़म से जुड़ी बताई गई है।

जमजम का पानी आखिर इतना ख़ास क्यूं है?

आबे जमजम का ख़ास होने का सबसे बड़ी वजह यह है कि यह काबा शरीफ की एक कुआं से निकलती है इसके निकलने की वजह हजरते इस्माईल अलैहिस्सलाम के एड़ियां मुबारक है जी हां यह उनकी ही एड़ियों के नीचे से निकला था।

इसे अल्लाह तआला ने उनकी प्यास बुझाने के लिए पैदा किया इसकी बहुत बड़ी हिस्ट्री है इन्हीं कारणों की वजह से यह खास है और इसके बाद हमलोग के लिए भी यह यूं कहिए तो सब के सब चीज ही है।

FAQs

  1. जमजम का पानी क्या होता है?

    जमजम का पानी बीमारों की शिफा और भूखों का खाना होता है।

  2. जमजम का पानी कितना साफ है?

    जमजम की पानी का सफाई का अंदाजा इसे लगालें बीमारों के लिए यह शिफा है।

  3. ज़मज़म पीने से पहले क्या पढ़ना चाहिए?

    ज़मज़म पीने से पहले अल्लाहुम्म इन्नी अस अलू क इल्मन नाफि अंव व रिज्कंव वासि अंव व शिफाअम मिन कुल्लि दाईन पढ़ना चाहिए।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही रहमत खुबसूरत और ज़रूरत की दुआ आबे जमजम पीने की दुआ पढ़ा यकीनन यह आपको अच्छा ही लगा हो क्यूंकि इसकी हमने तरीफियां भी बताई जिसे आपके कई सारे डाउट यानी कंफ्यूजन भी क्लियर हुए होंगे वैसे बहुत चीज़ हमने यहां बयां की है।

अगर अभी भी आपके जेहन में जमजम का पानी पीने की दुआ से ताल्लुक कोई सवाल या डाउट बाकी रह गई हो या कहीं कुछ समझने में दिक्कत आ रही हो तो आप अपने सवालात कॉमेंट बॉक्स के ज़रिए हमसे पूछ सकते हैं जी हां हम आपके जवाब भी जरूर देंगे।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ अच्छी इल्म हासिल हुई हो आपको तो जिन्हें ना मालुम हो उन्हें बताकर सवाब हासिल करें जरूरत के मुताबिक लोगों तक शेयर भी करें साथ ही अपने नेक दुआओं में हमेशा हमें भी याद रखें शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of IS Raza. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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