आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप बहुत ही आला इल्म से मालामाल होंगे यहां पर आप 4 रकात सुन्नत नमाज अदा करने का दुरूस्त तरीका बहुत ही आसान लफ्जों में जानेंगे जिससे आप आसानी से 4 रकात सुन्नत नमाज पढ़ पाएंगे।
हम सभी को नमाज पढ़ने का तरीका ज़रूर मालुम होना चाहिए जिससे हम सब नमाज पढ़ कर सुकून हासिल कर सकें और रब भी राजी रहे इसीलिए आप इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें और अमल में लाएं।
4 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika
4 रकात सुन्नत नमाज भी बाकी नमाज की तरह ही अदा की जाती है अगर आप नमाज पढ़ने का तरीका जानते हैं तो इस पैग़ाम को बस समझ लें।
अगर नहीं भी जानते हैं तो इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें इसमें 4 रकात सुन्नत नमाज अदा करने का सही तरीका हम ने एक एक करके बताया है।
4 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- सबसे पहले 4 रकात सुन्नत की नियत करके हांथ बांध लें।
- अगर नियत नहीं मालूम हो तो नीचे लिखी हुई है समझ लें।
- इसके बाद सुब्हान क अल्लाहुम्म यानी सना को पुरा पढ़ें।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- फिर तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- इसके बाद अलहम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ लेने के बाद धीरे से आमिन कहें।
- इसके बाद आप कोई सा भी छोटी या बड़ी सूरह को पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में चले जाएं।
- रूकुअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- अब समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- रूकूअ से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
4 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात
- सबसे पहले यहां पर अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ लें।
- इसके बाद अलहम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पढ़ें।
- फिर पुरा पढ़ लेने पर आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर यहां भी कोई सा भी छोटी या बड़ी सूरह को पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ कर लें पहले कि तरह।
- कि यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- और ठीक से उठ जाने पर रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
- यहां भी पहली बार की तरह तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली उठाएं।
- और फ़ौरन इल्लाहा पर गिरा दें और सब उंगली सिधी कर लें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते तिसरी रकात के लिए सिधे खड़े हो कर हांथ बांध लें।
4 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika – तिसरी रकात
- दुसरी रकात की तरह यहां भी सबसे पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- इसके बाद बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर सूरह फातिहा पढ़ें और आख़िर में आमिन कहें फिर सूरह पढ़ें।
- हर बार कि तरह यहां भी अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें और रब्बना लकल हम्द कहें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए हर बार कि तरह सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- हर बार कि तरह यहां भी अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें और दूसरे में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
4 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika – चौथी रकात
- यहां भी अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर सूरह फातिहा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आमिन कह कर कोई भी छोटी या बड़ी सूरह पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें और रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए डायरेक्ट सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठें फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें।
- हर बार कि तरह यहां भी दुसरे सज्दे में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली उठाएं।
- और ठीक तुरंत इसके बाद इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी भी कर लें।
- अब दुरूदे इब्राहिम पढ़ें इसके बाद दुआए मासुरह को पढ़ें और सलाम फेर लें।
- सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने कंधे तरफ़ गर्दन घुमाएं।
- इसके बाद अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दुसरी बार में बाएं तरफ गर्दन घुमाएं।
यहां आपकी 4 रकात सुन्नत नमाज दुरूस्त तरीके से मुकम्मल हो गई, इसके बाद आप जो चाहें दुआए अजकार अपने मन मुताबिक पढ़ें।
4 Rakat Sunnat Namaz Niyat
नीयत की मैंने 4 रकात नमाज (वक्त का नाम) की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
जोहर की 4 रकात की सुन्नत की नियत
नियत की मैने नमाज़ ज़ोहर की 4 रकात फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
असर की 4 रकात की सुन्नत की नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज़ असर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
ईशा की 4 रकात सुन्नत की नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज़ ए ईशा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
जुम्मा की 4 रकात सुन्नत की नियत
नियत की मैंने 4 रकात नमाज सुन्नत की वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त जुम्मे का रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।
Sunnat Namaz Me Kya Padhe
सुन्नत नमाज में नियत बांधने के बाद सना सुब्हान क अल्लाहुम्म व बिहम्दिका व तबारकसमु क व तआला जद्दूक व ला इल्लाहा गैरूक पढ़ें।
इसके बाद तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें और फिर तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़कर अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आप आहिस्ते से एकदम धीमी आवाज में आमिन कहें इसके बाद नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह में से कोई एक सूरह को पढ़ें।
इसके बाद रूकूअ सज्दा करें और रूकूअ सज्दा करने के बाद अत्तहिय्यात पढ़ें फिर दुरूदे इब्राहिम पढ़ें इसके बाद दुआए मासुरह पढ़ कर सलाम फेर लें।
FAQs
सुन्नत नमाज में क्या पढ़ते हैं?
सुन्नत नमाज में भी बाकी नमाजों की तरह सूरह फातिहा, सूरह अत्तहिय्यात, दुरूद शरीफ और दुआए मासुरह पढ़ते हैं।
सुन्नत की नमाज में कितनी रकात होती है?
सुन्नत नमाज सामान्य तौर पर 2 रकात और 4 रकात होती है ये नमाज के वक्त में जानना चाहिए कि इस वक्त की सुन्नत नमाज 2 या 4 रकात है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में 4 रकात सुन्नत नमाज अदा करने का सही तरीका बहुत ही आसानी से जाना यकीनन इसके बाद आप जरूर 4 रकात की सुन्नत नमाज आसानी से अदा कर सकेंगे अगर अभी भी आपके मन में कुछ सवाल हो या कहीं समझ में न आई हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।
हमें आपके सभी सवालों का जवाब जल्द से जल्द पेश करने की कोशिश रहेगी इंशाअल्लाह प्यारे मोमिनों मेरा मकसद शुरू से अभी तक यही रहा है कि हम सभी इस्लामिक इल्म को चाहे वो नमाज़ दुआ या फिर सूरह से जुड़ी हो आसान से आसान लफ्ज़ों में पेश करें जिससे आप आसानी से समझ जाएं।
अगर यह पैगाम आपको अच्छी लगी हो यानी इस पैग़ाम से जो भी कुछ इल्म आपको हासिल हुई हो तो अपने आस पड़ोस के साथ साथ अपने अज़ीज़ अकारिबों को ज़रूर बताएं जिससे वो भी सुन्नत पर अमल करें और हम सभी को नेकी हासिल होती रहे शुक्रिया।
Masha Allah apne itne ache se namaz ka tarika btaya h dil khus ho gya apne na jane kitno ko namaz sikha di aaj mujhe b ache se yd ho gai namaz sukriya bhai 😘😘😘😘😘
Dua e mashura yaad na ho to kya padhe?
Aap Iske Jagah Pe Allahumma Rabbna Bhi Padh Sakte Hai, Lekin Yaad Kar Lein To Behtar Hoga
रब्बना आतिना फिद्दुनिया हसनतव wa फील आखीरती हसनतव वा किना अजबन्नार
क्या 4 रकात वाली सुन्नत में 4 रकातो में सुरह फातिहा के बाद सूरह मिलाना जरूरी है
मेहरबानी करके जवाब दे
Ji Sunnat Me Jaruri Hota Hai, Farz Me Mila Sakte Hain Ya Nahi Bhi