आज़ के इस पैग़ाम में आप बहुत ही बरकत व रहमत भरी दुआ यानी कि रोजा रखने की दुआ हिंदी में जानेंगे हमने यहां पर रोजा रखने की दुआ बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पेश किया है जिसे आप आसानी से पढ़ सकेंगे।
आप इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद यकीनन रोजा रखने की दुआ बहुत ही आसानी से समझ कर अपने जहन में उतार लेंगे जिसे आप सेहरी के वक्त रोजा रखने की दुआ पढ़ कर अपने रब की रज़ा के लिए रोजा रखेंगे।
रोजा रखने की दुआ हिंदी में
अल्लाहुम्मा नवैतु अन असौमा गदन लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान
फैजाने रमज़ान स. 964
नोट:- इस दुआ को रात में सोते वक्त या सेहरी से पहले पढ़ा जाता है।
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रोजा रखने की दुआ अरबी में
اَللّٰهُمَ نَوَيْتُ اَنْ اَصُوْمَ غَدًالِلّٰهِ تَعَالٰى مِنْ فَرْضِ رَمَضَاَنَ
रोजा रखने की दुआ इंग्लिश में
Allahumma Nawaitoo An Asauma Gaadan Lillahi T’Aala Min Farzi Ramzan.
रोजा रखने की दुआ का तर्जुमा
मैंने नियत की, कि अल्लाह के लिए कल इस रमज़ान का फर्ज़ रोज़ा रखूंगा।
सेहरी की दुआ हिंदी में
नवैतु अन असौमा हा ज़ा यौमा लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान
फैजाने रमज़ान स. 964
नोट:- इस दुआ को सेहरी के वक्त पढ़ा जाता है।
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सेहरी की दुआ अरबी में
نَوَيْتُ اَنْ اَصُوْمَ هٰزَا الْيَوْمَ لِلّٰهِ تَعَالٰى مِنْ فَرْضِ رَمَضَاَنَ
सेहरी की दुआ इंग्लिश में
Nawaitoo An Asauma Ha Zaa Yauma Lillahi T’Aala Min Farzi Ramzan
सेहरी की दुआ का तर्जुमा
मैं ने नियत की, कि अल्लाह के लिए आज इस रमज़ान का फर्ज़ रोज़ा रखूंगा।
Roza Rakhne Ki Dua In Hindi Image
अगर आप भी रोजा रखने की दुआ का इमेज की तलाश में हैं तो यहां पर आप की तलाश खत्म होने वाली है क्योंकी हमने यहां पर रोजा रखने की दुआ का इमेज भी पेश की है जिसे आप इसे अपने गैलरी में डाउनलोड करके ऑफलाइन भी देख पाएंगे।
रोजा रखने से जुड़ी कुछ खास हदीस
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सेहरी खा कर दिन के रोजे के लिए ताकत हासिल करो और दिन को कैलुला करके रात की इबादत के लिए मदद हासिल करो – इब्ने माजह स.123, 1693
हज़रत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सेहरी में बरकत ही बरकत है इस लिए इसे मत छोड़ो अगर्चे एक घुंट पानी ही पी लो – मुस्नद अहमद बिन हम्बल जि 3 स 12
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रजियल्लाहु अन्हुमा बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते सेहरी करने वालों पर दुरूद भेजते हैं।
हज़रत अम्र बिन आस रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि हमारे और यहूदो नसारा के रोज़ो में फ़र्क सेहरी खाना है – मुस्लिम हदिस नं.1096
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रोजा रखने पर इन बातों से परहेज़ करें
- बुरी बातों से ख़ुद को बचाएं
- झूठ बोलने से परहेज़ करें
- जमा थूक निगलने से बचें
- आलस्पन से भी खुद को दूर रखें
- नापाकी से भी खुद को बचाएं
ऐसा नहीं की इन सभी बातों में शुमार होने से आपकी रोजा खत्म यानी टूट जाएगी बल्कि जो रोजा रखने पर सवाब हासिल होती है वो आपके हाथ से निकलते हुए नज़र आएगी।
रोजा रखने वालों के लिए खुशी की बात
सहीहैन व सुनने तिर्मिज़ी व नसई व सही इब्ने खुजैमा में सहल इब्ने सअ्द रदियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं जन्नत में आठ दरवाजे हैं उनमें एक दरवाज़े का नाम रैहान है उस दरवाजे से वही जायेंगे जो रोज़े रखते हैं।
बुखारी व मुस्लिम में अबू हुरैरा रदियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी हुजूरे अक़दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया है जो ईमान की वजह से और सवाब के लिए रोज़ा रखेगा उसके अगले गुनाह बख्श दिये जायेंगे और जो ईमान की वजह से और सवाब के लिए शबे कद्र का क़ियाम करेगा उसके अगले गुनाह बख़्श दिये जायेंगे।
इमाम अहमद व हाकिम और तबरानी कबीर में और इब्ने अबिद्दुनिया और बैहकी शोबुल ईमान में अब्दुल्लाह इब्ने अम्र रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रावी कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं रोज़ा व कुर्आन बन्दे के लिए शफाअ़्त करेंगे। रोज़ा कहेगा ऐ रब! मैंने खाने और ख्वाहिशों से इसे दिन में रोक दिया मेरी शफाअ़्त इसके हक़ में कबूल फ़रमा। कुर्आश कहेंगा ऐ रब ! मैंने इसे रात में सोने से बअज रखा मेरी शफाअ़त इसके बारे में कबूल कर दोनों की शफाअ़तें कबूल होंगी।
रोजा रखने से जुड़ी ज़रूरी बातें
रोज़ा शरीअत की बोलचाल में मुसलमान का इबादत की नियत से सुबहे सादिक से गुरूब आफताब तक अपने को क़स्दन खाने पीने जिमाअ़ से बाज़ रखना। औरत का हैज़ व निफ़ास से खाली होना शर्त है।
रोज़े के तीन दर्जें हैं एक आम लोगों का रोज़ा कि यही पेट और शर्मगाह को खाने पीने, हमबिस्तरी से रोकना, दूसरा ख़वास का रोज़ा कि उनके अलावा कान, आँख ज़बान हाथ, पाँव और तमाम आज़ा को गुनाह से बाज़ रखना।
जबकी तीसरा और सबसे खास दर्जा खासुलखास का रोज़ा कि अल्लाह तआला के अलावा तमाम चीज़ों से अपने को पूरी तरह जुदा करके सिर्फ उसी की तरफ मुतवज्जेह रहना आप भी सच्चे नियत के साथ पुरा दिन का रोजा गुजारें।
अपने आप को हर तरह की बुराई से दूर रखें ज्यादा से ज्यादा वक्त कुरान पाक की तिलावत में गुजारें वक्त पर नमाज अदा करें एक दुसरे को सही तालिम दें जिसे वो भी इबादत में मशगुल रहे अपने आप को सुस्ती से बाज़ रखें।
FAQs
सेहरी दुआ क्या है?
सेहरी की दुआ ‘नवैतु अन असौमा हा ज़ा यौमा लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान’ है।
रोजा रखने की दुआ क्या है?
रोजा रखने की दुआ ‘अल्लाहुम्मा नवैतु अन असौमा गदन लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान’ है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही फजीलत भरी दुआ यानी की रोजा रखने की दुआ हिंदी इंग्लिश और अरबी जबान में बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ा यकिनन इससे पढ़ने के बाद आप अब हमेशा रोजा रखने की दुआ पढ़ कर अपने रब की रजा के लिए रोजा रखेंगे।
अगर अभी भी आपके मन में रोजा रखने की दुआ से जुड़ी या यहां पर लिखी किसी बात या हदीस से जुड़ी कुछ सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर देंगे जिससे आप की सभी सवाल या डाउट खत्म हो जाएगी।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी कि इस पैग़ाम से जो कुछ भी अच्छी जानकारी आपने हासिल की हो तो आप ऐसे जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों के दरमियान पहुंचा कर अपने अमाल में नेकियों का इज़ाफा करें और नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।
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